October 17, 2025

मानसून में डेंगू-चिकनगुनिया का बढ़ा खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की सतर्कता एडवाइजरी

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जमशेदपुर। मानसून के आगमन के साथ ही डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतने की अपील करते हुए एक जागरूकता एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने कहा है कि थोड़ी सी लापरवाही इन बीमारियों को न्योता दे सकती है, लेकिन समय पर इलाज और आवश्यक सावधानियों से इनसे पूरी तरह बचा जा सकता है।

डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से फैलते हैं, जो दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, बदन, सिर, आंखों के पीछे और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे, नाक-मसूढ़ों या उल्टी से रक्तस्राव और काला मल आना शामिल हैं, जो बीमारी की गंभीरता को दर्शाते हैं। वहीं, चिकनगुनिया में अचानक तेज बुखार, जोड़ों में असहनीय दर्द और शरीर पर चकत्ते या दाने देखे जाते हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें और मच्छर भगाने वाली दवाओं या क्रीम का उपयोग करें। कूलर, टूटे-फूटे बर्तनों, गमलों, फूलदानों आदि में जमा पानी को नियमित रूप से बदलते रहें और आसपास सफाई बनाए रखें। मच्छर पनपने वाले स्थानों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करें और जमा हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छर अंडे न दे सकें।

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता, लेकिन यदि उपरोक्त लक्षणों के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल घाटशिला, सदर अस्पताल या एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में संपर्क करें। इन सरकारी संस्थानों में बीमारी की जांच और इलाज की सुविधा पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध है। साथ ही विभाग ने चेतावनी दी है कि डेंगू या चिकनगुनिया के इलाज में एस्प्रीन या ब्रूफेन जैसी दवाओं का इस्तेमाल न करें, बल्कि पैरासिटामोल को ही प्राथमिकता दें।

स्वास्थ्य संबंधी किसी भी जानकारी या सलाह के लिए नागरिक 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी से आग्रह किया है कि लक्षण दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लें, ताकि समय रहते उपचार शुरू किया जा सके और मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकें।