ढोल‚ शंख और मंत्रोच्चार के बीच 1000 कांवरियों का जत्था रवाना

सर्च न्यूज़ , सच के साथ : जमशेदपुर – सावन की भक्ति में डूबा मानगो जब शनिवार की सुबह ढोल-नगाड़ों, मंत्रोच्चार और शंखनाद से गूंज उठा, तो स्पष्ट था कि बाबा बैधनाथ सेवा संघ की वार्षिक नि:शुल्क कांवर यात्रा एक बार फिर भव्यता के साथ शुरू हो चुकी है।
राजस्थान धर्मशाला (डिमना रोड) से 1000 श्रद्धालुओं का विशाल जत्था सुल्तानगंज के लिए रवाना हुआ। गेरुआ वस्त्र पहने कांवरियों ने “बोल बम” के गगनभेदी नारों के साथ यात्रा का शुभारंभ किया।कांवरिए कदमा, सोनारी, बिष्टुपुर, साकची और मानगो से पंजीयन कर राजस्थान धर्मशाला पहुंचे, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया।
11 पुरोहितों ने मंत्रोच्चारण के साथ यात्रा की सफलता और सुगमता हेतु आशीर्वाद प्रदान किया। शंख, डमरू और मंदिरा की ध्वनि के बीच जब जत्था डिमना रोड से निकला, तो पूरा मार्ग गेरुआ रंग से सराबोर हो गया।संघ के संस्थापक सदस्य विकास सिंह ने बताया कि इस यात्रा की शुरुआत आठ वर्ष पूर्व मात्र 151 श्रद्धालुओं के साथ हुई थी। आज यह संख्या 1000 को पार कर चुकी है।

यात्रा पूर्णतः नि:शुल्क है, जिसमें बस, धर्मशाला, भोजन, स्वास्थ्य सेवा और हर पड़ाव पर भजन-कीर्तन की व्यवस्था की गई है। संसाधनों की सीमा के कारण कुछ इच्छुक श्रद्धालु शामिल नहीं हो सके, जिसके लिए संघ क्षमाप्रार्थी है।जत्था जमशेदपुर से निकलकर पुरुलिया में विश्राम करेगा, जहां रात्रि भोजन की व्यवस्था है। उत्तरवाहिनी गंगाजल लेकर सुल्तानगंज से पैदल यात्रा प्रारंभ होगी। असरगंज के धांधी बेलारी धर्मशाला में रीवा (म.प्र.) के कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। जलार्पण के बाद श्रद्धालु बासुकीनाथ धाम पहुंचेंगे और फिर सप्ताह भर बाद जमशेदपुर लौटेंगे।