जेपीएससी नियुक्ति घोटाले में 21 साल बाद आया फैसला‚ पूर्व अध्यक्ष समेत तीन को दो-दो साल की सजा

सर्च न्यू ,सच के साथ : रांची – स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को 2004 में हुए बहुचर्चित नियुक्ति घोटाले से जुड़े एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद समेत तीन दोषियों को दो-दो साल की सजा सुनाई है।
साथ ही सभी पर एक-एक लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए अन्य दो आरोपी हैं—सुधीर जैन और सुरेंद्र जैन। कोर्ट ने तीनों को सजा सुनाने के बाद जमानत दे दी, जिसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गए।
अदालत ने यह अधिकार भारतीय दंड संहिता के तहत प्राप्त प्रावधानों के अनुसार इस्तेमाल किया, जहां तीन साल तक की सजा पर कोर्ट स्वयं जमानत दे सकती है।यह मामला वर्ष 2004 में हुए एक सरकारी नियुक्ति घोटाले से जुड़ा है। इसमें आरोप था कि दिलीप प्रसाद ने जेपीएससी अध्यक्ष रहते हुए कई नियुक्तियों में अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे सरकारी खजाने को करीब 28.66 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
इस मामले को लेकर सीबीआई ने वर्ष 2013 में एफआईआर दर्ज की थी।सीबीआई ने इस भर्ती घोटाले से जुड़े कई अलग-अलग मामले दर्ज किए थे, जिनमें यह (आरसी 6/2013) पहला केस है जिसमें अदालत ने फैसला सुनाया है। विशेष अदालत ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़े सभी आरोपों को सही मानते हुए तीनों को दोषी ठहराया।इस फैसले को राज्य की न्याय प्रणाली के लिए एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि यह सत्ता में रहे लोगों को कानून के तहत जवाबदेह ठहराने का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।