October 23, 2025

शरद की बयार, कांस की बहार और नवरात्रि का उल्लास, जादूगोड़ा में छाया दिव्य रंग

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प्रतिनिधि, जादूगोड़ा।
बरसात की ठंडी हवा, खेतों की हरियाली और नदी-नालों के किनारे लहराते सफेद कांस के फूल… यह नजारा जादूगोड़ा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में नवरात्रि और विजयादशमी की आहट का संकेत दे रहा है। परंपरा के अनुसार, कांस का खिलना शारदीय नवरात्रि के आगमन का प्रतीक माना जाता है। यह फूल न केवल मौसम के बदलाव की सूचना देता है, बल्कि उत्सव और आस्था का भी संदेश लेकर आता है।

कांस और आस्था का रिश्ता

स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि कांस का फूल बरसात के समापन और शारदीय मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। जब यह फूल हवा में लहराता है, तो लोग समझ जाते हैं कि अब घर-घर में देवी मां के स्वागत की तैयारी शुरू करने का समय आ गया है। धार्मिक मान्यता है कि कांस के फूल का खिलना माँ दुर्गा के धरती पर आगमन का संकेत है। कई स्थानों पर इन फूलों का पूजा में भी उपयोग होता है, जो इसकी पवित्रता को और विशेष बना देता है।

22 सितम्बर से नवरात्रि, 2 अक्टूबर को विजयादशमी

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 22 सितम्बर से होगा और 2 अक्टूबर को विजयादशमी धूमधाम से मनाई जाएगी। पूजा समितियां पंडाल निर्माण और भूमिपूजन की तैयारियों में जुटी हुई हैं। कई समितियों ने भव्य थीम पंडालों और आकर्षक झांकियों की योजना बनाई है, जो इस बार श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होंगी।

कांस के फूलों संग माँ दुर्गा का रूप बना आकर्षण

नवरात्रि के आगमन से पहले इलाके में भक्ति और उत्साह का माहौल और गहरा तब हुआ जब स्थानीय मेकअप आर्टिस्ट बेला भकत (Insta ID – Glambybella10) द्वारा माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों को सजीव करने का अनूठा प्रयास किया गया। सफेद कांस के फूलों की पृष्ठभूमि में किए गए फोटोशूट ने ग्रामीण परिवेश को और भी भव्य बना दिया। लाल-सफेद पारंपरिक साड़ी, स्वर्णाभूषण और हाथ में त्रिशूल थामे मॉडल जब माँ दुर्गा के स्वरूप में सामने आईं, तो लगा मानो साक्षात शक्ति का अवतरण हो गया हो।

शूटिंग स्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और हर कोई इस अद्भुत नजारे को कैमरे में कैद करने लगा। मेकअप आर्टिस्ट बेला भकत ने कहा—
“दुर्गा पूजा हमारे लिए सिर्फ़ एक त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा ऐसा अवसर है जब हम माँ के विभिन्न स्वरूपों को सजीव करने का प्रयास करते हैं। मेरा उद्देश्य है कि पारंपरिक श्रृंगार और प्राकृतिक पृष्ठभूमि के माध्यम से माँ दुर्गा की अद्भुत शक्ति और सौंदर्य को लोगों तक पहुँचाया जाए।”

उत्सव की तैयारियों में तेजी

जादूगोड़ा थाना क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक पूजा समितियां इस बार भव्य आयोजन की योजना बना रही हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भक्तिमय गीत-संगीत और आकर्षक सजावट की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन भी सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर सतर्क है ताकि श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के त्योहार का आनंद उठा सकें।

कांस के फूलों का खिलना सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि जादूगोड़ा के लिए खुशियों का संदेश है—एक ऐसा संदेश जो प्रकृति, आस्था और कला को जोड़ते हुए आने वाले दिनों में नवरात्रि और विजयादशमी के उल्लास को और खास बना देता है।