October 18, 2025

पहली बार नमो घाट पूरी तरह बंद‚ नमस्ते संरचना डूबने की कगार पर

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। गंगा नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया, जिससे घाटों, सड़कों और मोहल्लों में पानी भर गया है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि पहली बार पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय नमो घाट को पूरी तरह बंद करना पड़ा है।

घाट पर स्थित प्रसिद्ध नमस्ते संरचना अब डूबने की कगार पर है।बढ़ते जलस्तर के कारण शीतला घाट, अस्सी घाट, और सामने घाट की सड़कों पर पानी घुस चुका है। बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर से महज 800 मीटर की दूरी पर बाढ़ का पानी पहुंच चुका है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं भी खतरे में आ सकती हैं।सबसे गंभीर दृश्य मणिकर्णिका घाट पर देखने को मिल रहा है, जहां शवों की कतार लगी है। गंगा के उफान के कारण अंतिम संस्कार में देरी और व्यवधान की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

प्रशासन ने घाटों पर आवाजाही को पूरी तरह नियंत्रित कर दिया है।जिला प्रशासन के अनुसार, बाढ़ का असर 44 गांवों तक फैल चुका है, जिससे 1410 परिवारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। लगभग 1721 एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है, जिससे 6244 किसान प्रभावित हुए हैं। वहीं, शहरी क्षेत्र में 24 मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं।गंगा में पलट प्रवाह के कारण वरुणा, नाद और गोमती नदियों का जलस्तर भी खतरनाक रूप से बढ़ गया है।

गंगा काशी के 84 घाटों को डुबोते हुए अब शहर की ओर तेजी से बढ़ रही है।प्रशासन राहत शिविरों और आपात सेवाओं को सक्रिय कर चुका है, लेकिन जलस्तर की तेजी और भौगोलिक विस्तार के कारण नियंत्रण में चुनौतियां आ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिन हालात और खराब हो सकते हैं।