October 19, 2025

पाक‍िस्‍तान को मनानेपहुंच गए चीनी विदेश मंत्री, भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती

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सर्च न्यूज , सच के साथ :

वांग यी और इशाक डार की इस्लामाबाद मीटिंग में CPEC 2.0, अफगानिस्‍तान और रीजनल बैलेंस पर चर्चा हुई, चीन–पाक नजदीकी भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती बनी रहेगी.

चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत से सीधे पाक‍िस्‍तान पहुंचे. इस्‍लामाबाद में पाक‍िस्‍तान के ड‍िप्‍टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की इस बैठक में वो सब मुद्दे शामिल रहे, जिन पर इस वक्त साउथ एशिया की पॉलिटिक्स घूम रही है, CPEC 2.0 से लेकर अफगानिस्‍तान तक और रीजनल पावर बैलेंस तक… चीन पाक‍िस्‍तान को सदाबहार दोस्‍त कहता है, लेकिन बीते कुछ महीनों में ज‍िस तरह पाक‍िस्‍तान अमेर‍िका के नजदीक गया है, उससे चीन भी टेंशन में हैं. वांग यी खुद कह चुके हैं क‍ि यह साझेदारी किसी थर्ड पार्टी के खिलाफ नहीं है. लेकिन इस पर भारत की नजर तो है. चीन का मकसद सिर्फ बैलेंस करना है, यानी एक मल्टीपोलर वर्ल्‍ड दिखाना न कि अमेरिकी दबदबे को पूरी तरह खत्म करना. लेकिन क्‍या वो अपने मकसद में पूरा हो पाएगा.
मीटिंग में दोनों नेताओं ने साफ किया कि अब CPEC (चीन–पाक आर्थिक गलियारा) का अगला फेज यानी CPEC 2.0 शुरू होगा, जिसमें सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बल्कि इंडस्‍ट्रियल कोऑपरेशन, टेक्नोलॉजी और एनर्जी प्रोजेक्‍ट भी शामिल होंगे. इशाक डार ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, आज हमने कई अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा की. वांग यी ने दोहराया कि चीन–पाक रिश्‍ता सदाबहार, थर्ड पार्टी के खिलाफ नहीं और टाइम-टेस्‍टेड है. यानी मेसेज साफ है क‍ि बीजिंग–इस्‍लामाबाद के बीच भरोसा कायम है और इस भरोसे की आड़ में वो अपने अगल-बगल के देशों को संकेत दे रहे हैं कि यह कोई एंटी-इंडिया या एंटी-अमेरिका अलायंस नहीं, बल्कि रीजनल स्‍टेबिलिटी का पैकेज है.
अफगानिस्‍तान और ‘रीजनल कूटनीति’
ये डायलॉग अफगानिस्‍तान की वजह से भी अहम है. हाल ही में बीजिंग ने काबुल के साथ ट्राईलैटरल टॉक्स किए थे, जिसमें पाकिस्‍तान भी शामिल रहा। इसका मकसद है तालिबान से सीधे तालमेल बनाना, अफगानिस्‍तान को CPEC से जोड़ना, और अमेरिकी वेस्‍टर्न इन्फ्लुएंस घटने के बाद चीन को रीजनल स्‍टेबलाइजर के रूप में पेश करना.