सफेद कोट सिर्फ परिधान नहीं, यह मानवता की सेवा, करुणा व कर्तव्यनिष्ठा की शपथ है

देवघर एम्स के छठी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल संतोष गंगवार
देवघर : एम्स के छठी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह अवसर केवल एक संस्थान का वार्षिकोत्सव मात्र नहीं है, बल्कि सेवा, समर्पण और संकल्प की उस यात्रा का उत्सव है, जिसने स्वास्थ्य और आशा की नई किरण जगाई है. उन्होंने कहा कि जब आप सफेद कोट पहनते हैं, तो वह केवल परिधान नहीं होता, बल्कि यह मानवता की सेवा, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा की शपथ होती है. आने वाले समय में आपके ज्ञान और कौशल से असंख्य जीवन जुड़े होंगे. आपकी संवेदनशीलता और आपकी निष्ठा ही इस संस्थान की वास्तविक पहचान बनेगी.
उन्होंने कहा कि हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि चिकित्सक का दायित्व केवल रोग का उपचार करना ही नहीं है, बल्कि रोगी के मन में स्वस्थ होने की आशा और विश्वास जगाना भी है. एक डॉक्टर की अच्छी वाणी, उसका धैर्य और उसका स्नेह कभी-कभी मरीजों के लिए सबसे बड़ी औषधि सिद्ध हो जाते हैं. यही कारण है कि अस्पताल केवल इलाज का स्थान नहीं होता, बल्कि मानवता और करुणा का मंदिर भी होता है. मैं चाहूँगा कि सभी अस्पताल इस आदर्श को आत्मसात करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह संकल्प है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या भौगोलिक कारणों से उपचार से वंचित न रहे. उन्होंने जिस विकसित भारत 2047 का आह्वान किया है, उस सपने को पूरा करने में एम्स देवघर जैसे संस्थान की अग्रणी भूमिका है.
राज्यपाल ने कहा कि ओपीडी सेवाओं की शुरुआत से अब तक सात लाख से अधिक मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि एम्स देवघर की स्वास्थ्य सेवाएं जनसामान्य तक पहुंच रही हैं और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रही है. विशेष उल्लेखनीय है कि यहाँ केवल उपचार ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत गाँवों को गोद लेना और जन औषधि केंद्रों का संचालन भी किया जा रहा है. इस प्रकार के पुनीत कार्य यह सिद्ध करते हैं कि एम्स देवघर केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि समाज का सच्चा साथी है. विश्वास है कि शीघ्र ही इसकी गणना देश के नामचीन चिकित्सा संस्थानों में होगी. राज्य के लोगों को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए महानगरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. यह केवल स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता ही नहीं होगी बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि सिद्ध होगी. गोड्डा के सांसद गोड्डा डॉ निशिकांत दुबे ने अपने सम्बोधन में एम्स की खूबियां गिनाई जबकि एम्स निदेशक ने स्वागत सम्बोधन के साथ रुपरेखा रखी.