उत्तरकाशी के धराली गांव में देर रात बादल फटा‚ मलबे में तब्दील हुआ पूरा इलाका

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): राज्य के उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र स्थित धराली गांव में रविवार देर रात एक भीषण बादल फटने की घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार इस आपदा में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। गांव के कई होटल और मकान पानी और मलबे में समा गए हैं।
प्रशासन के अनुसार यह हादसा तब हुआ जब खीरगंगा गदेरे (एक स्थानीय नाला) का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ गया और पूरे क्षेत्र में अचानक बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। बाढ़ की चपेट में आकर दर्जनों लोग लापता हो गए और सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए हैं। क्षेत्र में व्यावसायिक प्रतिष्ठान, आवासीय भवन और सड़कें भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
SDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें तुरंत राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई हैं, लेकिन लगातार बारिश और दुर्गम भूगोल के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी दिक्कतें आ रही हैं। ड्रोन और सैटेलाइट फीड के ज़रिए लापता लोगों का पता लगाने की कोशिशें की जा रही हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार मानसून के दौरान हिमालयी क्षेत्रों में बादल फटना कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह घटना भीषणता में कहीं अधिक थी। बादल फटना एक अत्यधिक वर्षा की स्थिति होती है जिसमें बहुत कम समय में एक सीमित क्षेत्र में 100 मिमी से अधिक बारिश होती है। इस तरह की घटनाएं आमतौर पर पूर्वानुमान के दायरे से बाहर होती हैं और कुछ ही मिनटों में भारी तबाही मचा देती हैं।
पिछले वर्षों में भी देश के कई हिस्सों में इसी तरह की आपदाएं देखी गई हैं:
जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से 11 मौतें
अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के रामबन में 3 मौतें, 40 घर क्षतिग्रस्त
जुलाई 2024: केरल के वायनाड में भारी बारिश और भूस्खलन से 300 से अधिक मौतें
31 जुलाई 2024: शिमला और कुल्लू में 22 मौतें और 33 लोग लापता
28 जुलाई 2021: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 26 मौतें
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे फिलहाल पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा टालें और सरकारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें। राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है, और लापता लोगों की तलाश तेज़ कर दी गई है।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और लगातार अपडेट साझा कर रहे हैं।