राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा‚ नीति निर्माण पर रहेगा फोकस

रांची/हजारीबाग/मोतीहारी/पटना: शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक 25 जुलाई 2025 से केरल के एलुप्पी स्थित ‘केनर को कोटेज’ में प्रारंभ होगी। यह जानकारी न्यास के झारखंड क्षेत्र संयोजक प्रो. विजय कुमार सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि इस चिंतन बैठक में संगठन के विस्तार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की क्रियान्वयन रणनीति, तथा देशभर में विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे शैक्षणिक नवाचारों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
बैठक का समापन 28 जुलाई 2025 को एक दिवसीय विशेष सम्मेलन के रूप में होगा, जिसका आयोजन ‘अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़’, एलुप्पी, कोच्चि, केरल में किया जाएगा। इस सम्मेलन को ‘शिक्षा सभा’ नाम दिया गया है। इसमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री मनमोहन वैद्य, अखिल भारतीय उच्च शिक्षा संयोजन समिति के संयोजक श्री राजेंद्र अरोड़ा तथा ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन (AIU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. एम. के. श्रीधर शामिल होंगे। इस सम्मेलन में देश के कोने-कोने से लगभग 250 शिक्षाविदों को आमंत्रित किया गया है।
प्रो. सिंह ने जानकारी दी कि झारखंड और बिहार से कुल 18 प्रतिनिधि इस राष्ट्रीय बैठक में भाग लेंगे। इन प्रतिनिधियों में प्रो. के.सी. सिन्हा (पूर्व कुलपति, पटना विश्वविद्यालय), डॉ. आनंद (सुपर 30), डॉ. प्रदीप वर्मा (सांसद, रांची), प्रो. पी.के. झा (कुलपति, छपरा) और प्रो. सी. राय (कुलपति, बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर) जैसे विशिष्ट शिक्षाविदों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
शिक्षा संस्कृति न्यास की यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जनमानस तक पहुँचाने तथा उसके सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।