Dobbo Bridge Suicide – पुल से कूदकर जान देना चाहती थी पूनम‚ सतर्क लोगों ने बचाई ज़िंदगी

Oplus_16908288
सर्च न्यूज़ सच के साथ – सरायकेला-खरसावां— जिले के कपाली ओपी क्षेत्र से सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक दबाव और आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। डोबो पुलिया से एक युवती ने नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय लोगों की सतर्कता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उसकी जान बचा ली।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना दोपहर के समय की है जब राहगीरों ने एक युवती को पुल से नदी में छलांग लगाते देखा। तुरंत इसकी सूचना कपाली ओपी को दी गई। ओपी प्रभारी धीरंजन कुमार के नेतृत्व में पुलिस दल मौके पर पहुंचा और गोताखोरों की मदद से युवती को सुरक्षित बाहर निकाला गया।युवती की हालत गंभीर थी, जिसके चलते उसे तत्काल तमोलिया स्थित ब्रह्मानंद अस्पताल ले जाया गया।
प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे टाटा मुख्य अस्पताल (TMH) रेफर कर दिया, जहां उसका इलाज जारी है।घटना के तुरंत बाद युवती की पहचान स्पष्ट नहीं हो पाई थी, लेकिन कुछ घंटों की जांच के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि उसका नाम पूनम है और वह जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र की रहने वाली है।पुलिस अब इस घटना की गहराई से जांच कर रही है।
अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि पूनम किन परिस्थितियों में डोबो पुलिया तक पहुंची और उसने इतना गंभीर कदम क्यों उठाया। पुलिस उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, मानसिक स्थिति और किसी भी संभावित उत्पीड़न या सामाजिक दबाव की जांच कर रही है।यह घटना भले ही समय रहते टल गई, लेकिन यह समाज के सामने एक गंभीर प्रश्न छोड़ गई है— क्या हम समय रहते उन संकेतों को समझ पा रहे हैं जो मानसिक रूप से जूझते लोगों में दिखाई देते हैं? और क्या हमारा समाज उन्हें पर्याप्त सहानुभूति, संवाद और समर्थन दे पा रहा है?स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता ने एक कीमती जान तो बचा ली, लेकिन यह भी साबित हो गया कि मानसिक स्वास्थ्य आज भी हमारी सामूहिक उदासीनता का शिकार बना हुआ है।