October 18, 2025

सावन की पहली सोमवारी , लाखों भक्त लगाएंगे अपनी हाजरी

bhole_nath

सावन सोमवार व्रत का आरंभ प्रातःकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण कर किया जाता है। व्रती को मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। शिव लिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक किया जाता है। बिल्वपत्र, धतूरा, भस्म, सफेद फूल और भांग भगवान शिव को अर्पित करने के प्रमुख वस्तु माने गए हैं।

सनातन धर्म में सावन के महीने का खास महत्व इसलिए भी है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी मास में भगवान शंकर ने मां पार्वती से विवाह रचा अपने ससुराल का विचरण किया था। ससुराल में भगवान शंकर का भव्य स्वागत व जलाभिषेक किया गया था। इसी लिए सावन के महीने में भोले नाथ के जलाभिषेक का भी महत्व है।