October 18, 2025

ग्रेजुएट कॉलेज में प्रेमचंद जयंती पर कार्यक्रम‚ छात्राओं ने लिया साहित्यिक संदेश

IMG-20250731-WA0047

जमशेदपुर: ग्रेजुएट कॉलेज, जमशेदपुर के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी कथा साहित्य के पुरोधा मुंशी प्रेमचंद की जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ वीणा सिंह प्रियदर्शी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।प्राचार्या ने अपने संबोधन में कहा कि प्रेमचंद की कहानियाँ सामाजिक यथार्थ का आईना हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की कहानियों के आधार पर ही हिंदी में कहानी साहित्य का वर्गीकरण किया गया है। उनकी रचनाएं न केवल संघर्ष के रास्ते दिखाती हैं, बल्कि पाठकों को सामाजिक समस्याओं की गहराई से समझ भी प्रदान करती हैं।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार पांडेय ने प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं को केंद्र में रखा। वे यथार्थवाद के साथ-साथ समरसतावादी दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत करते हैं। उनके नायक किसान, मजदूर और मध्यवर्गीय व्यक्ति होते हैं, तो वहीं नायिकाएं समाज की कुरुतियों को उजागर करने वाली सशक्त आवाज बनती हैं।डॉ पांडेय ने बताया कि प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य को लगभग 300 कहानियाँ, एक दर्जन उपन्यास और तीन नाटक दिए हैं। उनकी लेखनी आज भी पाठकों को आकर्षित करती है और समाज को नए दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित करती है।कार्यक्रम का संचालन सेमेस्टर-4 की छात्रा श्रुति चौधरी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सेमेस्टर-3 की छात्रा सोंपा दत्ता ने प्रस्तुत किया।इस अवसर पर राजनीतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ विनय कुमार सिंह, वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ अनामिका कुमारी, डॉ सुशिला, डॉ संगीता बिरुआ, डॉ पूर्वा दूबे, डॉ अनुराधा वर्मा सहित कई शिक्षकों और छात्राओं — अनिषा कुमारी, सुनिता कुमारी, नेहा, वर्षा आदि की उपस्थिति रही।कार्यक्रम ने प्रेमचंद की साहित्यिक विरासत को याद करते हुए छात्रों को उनके विचारों से जुड़ने और उन्हें आत्मसात करने की प्रेरणा दी।