October 22, 2025

शहर के साथ गुमला में भी खुलेगा स्पर्श सेंटर

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रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने स्पर्श आउटरीच के मंच से दिया निर्देश

रांची : स्पर्श आउटरीच कार्यक्रम आज राँची के दीपाटोली स्थित केरकेटा आडियोरिम में संपन्न हुआ, जिसमें राज्य के प्रत्येक जिला से पूर्व सैनिक एवं वीर नारी शामिल हुए. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ एवं विशिष्ट अतिथि आर के अरोड़ा, आईडीएएस, सीजीडीए एवं सेना के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम के अनुसार रक्षा राज्य मंत्री एवं विशिष्ट अतिथि ने दो पौधा लगाकर किया गया. कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री ने वीर नारियों को उनके बैठे हुए स्थान पर जाकर पैर छुए एवं प्रशस्ति चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस प्रोग्राम में तीनों सेना से सेवानिवृत सैनिकों के साथ-साथ शहीद परिवार एवं वीर नारियां शामिल हुई. मुख्य अतिथि ने सेना के गौरव का सम्मान करते हुए कहा कि हमारी भारतीय सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में एक है. हमें अपने भारतीय फौज पर गर्व है, इसलिये हम अपने सारे पर्व वीर सैनिकों के पोस्टों पर जाकर मनाते हैं. जो हर विषम परिस्थिति में देश की सरहदों की रक्षा करते हैं. आने वाले दिनों में हम सब कार्यरत सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के परिवार की देखभाल के लिए सरकार की तरफ से हमेशा वचनवद्ध है. आने वाले दिनों में पूर्व सैनिकों की हर समस्याओं के समाधान के लिए हम सब प्रयासरत रहेंगे. इसी क्रम में जमशेदपुर एवं गुमला जिला में पूर्व सैनिकों की मांग को ध्यान में रखते हुए नए स्पर्श सेंटर खोलने का निर्देश दिया. जिस पर आर के अरोड़ा आईडीएस, सीजीडीए ने सहमति जतायी. कार्यक्रम के बाद पूर्व सैनिकों ने सी डी ए पटना के अधिकारी हिमांशु शंकर से मुलाकात कर सहयोग करने का आग्रह किया. आज के कार्यक्रम में झारखंड सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक ब्रिगेडियर निरंजन कुमार, एयर कमोडोर ए के अधिकारी, कोल्हान जिला सैनिक बोर्ड के कल्याण पदाधिकारी कर्नल किशोर सिंह, पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधि के रूप में सुशील कुमार सिंह, बलजीत सिंह, चंद्रमा सिंह, सतनाम सिंह, हंसराज सिंह, जावेद हुसैन, भोला प्रसाद सिंह, अनिल झा, उपेंद्र प्रसाद सिंह, ब्रज किशोर सिंह, रमेश शर्मा, डी एन सिंह, भरत पोद्दार, प्रमोद कुमार दास, अनिरुद्ध सिंह, दुर्गावती देवी, सीमा देवी, मनोरमा समेत लगभग 600 पूर्व सैनिक एवं वीर नारी शामिल हुए.