भक्तिभाव व सेवा का अद्भुत संगम, 285 दंपति हुए शामिल
● आंध्रभक्त श्रीराम मंदिरम में कार्तिक मास का सामूहिक श्री सत्यनारायण व्रतम सम्पन्न
जमशेदपुर : प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्तिक मास के अवसर पर बिस्टुपुर स्थित आंध्रभक्त श्रीराम मंदिरम में परंपरानुसार इस वर्ष भी अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ सामूहिक श्री सत्यनारायण व्रतम (पूजा) का भव्य आयोजन किया गया. यह अनुष्ठान आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री सत्यनारायण स्वामी मंदिर, अन्नावरम से आये पुरोहित डी सत्यनारायण मूर्ति के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ.
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 9:30 बजे श्री गणेश पूजन के साथ हुआ. आंध्र प्रदेश के अन्नावरम से आए पंडित डी. सत्यनारायण मूर्ति ने वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ श्री सत्यनारायण स्वामी की कथा का वाचन किया.
कुल 285 दंपतियों ने पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा में भाग लिया.
पूरी मंडप में “गोविंदा गोविंदा” के जयघोष से वातावरण पवित्र और भावपूर्ण बन गया. अनुष्ठान के उपरांत भक्तों ने एक साथ सत्यनारायण भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया और कार्यक्रम के समापन पर लगभग 1400 भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया. भक्तों की श्रद्धा को और बढ़ाने हेतु विशेष लक्की ड्रॉ कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे सभी 285 दंपतियों को शामिल किया गया. इसमे विजेता के रूप में कदमा निवासी एम. प्रशांत का चयन हुआ.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी के. पांडुरंगा राव, एडीएल सोसाइटी के अध्यक्ष वाई. ईश्वर राव, झारखंड तेलुगु ब्राह्मण संघ के सचिव गड़ी गोपाल कृष्णा तथा श्री वाई. आनंद राव उपस्थित रहे. आयोजन की सफलता में श्रीराम मंदिर समिति के
अध्यक्ष वी. डी. गोपाल कृष्णा, डिप्टी प्रेसिडेंट जम्मी भास्कर, महासचिव दुर्गा प्रसाद शर्मा, उपाध्यक्ष सी.एच. रमना राव, गंगा मोहन, वाई. श्रीनिवास, सूर्या राव, कमल राव, महेश राव, नानाजी, नरसिंह राव, अंजी राव, नागेश राव, राजशेखर, रमना राव, बी.के. राव सहित श्रीवारी सेवा समिति के सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई.
सत्यनारायण व्रत का पौराणिक और धार्मिक महत्व
तेलुगू समाज में कार्तिक मास को अत्यंत शुभ और पुण्यदायक माना गया है. स्कंद पुराण एवं रेवाखंड में उल्लेख मिलता है कि इस मास में भगवान विष्णु स्वयं “सत्यनारायण स्वरूप” में भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं. विश्वास है कि जो भी व्यक्ति सत्यनिष्ठा, श्रद्धा और समर्पण के साथ इस व्रत को करता है, उसके जीवन से दुख, दरिद्रता और बाधाएँ समाप्त होती हैं तथा घर में समृद्धि, शांति और सौभाग्य की वृद्धि होती है. तेलुगू परंपरा में सामूहिक रूप से व्रत का आयोजन समाज में एकता, सहयोग और भक्ति भावना को सशक्त बनाता है. इसी भावना से इस बार भी मंदिर प्रांगण में सैकड़ों भक्त एकत्र हुए.
ब्रह्मानंद नारायण ने लगाया स्वास्थ्य जांच शिविर
मंदिर परिसर में ब्रह्मानंद नारायण हॉस्पिटल की ओर से नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया, जिसमें भक्तों का बीपी, शुगर, ईसीजी आदि की जांच की गई. वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी परामर्श भी प्रदान किया गया.
