ब्रह्माकुमारीज़ के महासचिव राजयोगी बृजमोहन भाई का निधन

● दिल्ली मानेसर के निजी हॉस्पिटल में सुबह 10.25 बजे ली अंतिम सांस
● 22 वर्ष की उम्र में 1956 में पहली बार ब्रह्माकुमारीज़ के संपर्क में आए
● 1973 से पूर्ण रूप से समर्पित होकर दे रहे थे सेवाएं
● 12 अक्टूबर को आबूरोड मुक्तिधाम में होगा अंतिम संस्कार
जमशेदपुर : ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के महासचिव 92 वर्षीय राजयोगी बृजमोहन भाई का निधन हो गया. गुरुवार को दिल्ली मानेसर के एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान सुबह 10.25 बजे अंतिम सांस ली. वे पिछले एक वर्ष से बीमार चल रहे थे. पहले उनका इलाज माउंट आबू स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल और फिर अहमदाबाद में चल रहा था. उनकी पार्थिव शरीर को 9 और 10 अक्टूबर को गुरुग्राम स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में दर्शनार्थ रखा गया. वहीं 12 अक्टूबर को आबूरोड मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार होगा. एक वर्ष पूर्व राजयोगी निर्वैर भाई के निधन के बाद उन्हें महासचिव नियुक्त किया गया था. इसके पहले वे अतिरिक्त महासचिव के रूप में सेवाएं दे रहे थे एवं वर्तमान में वे संस्थान के मुख्य प्रवक्ता और राजनीतिज्ञ सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे.
राजयोगी बृजमोहन भाई का जीवन परिचय
7 जनवरी 1934 को पंजाब के अमृतसर में जन्मे राजयोगी बृजमोहन भाई ने दिल्ली विश्वविद्यालय से वर्ष 1953 में वाणिज्य (ऑनर्स) में स्नातक किया. यहीं से वर्ष 1955 में कानून (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की. वहीं वर्ष 1956 से चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में मान्यता प्राप्त हैं. ब्रह्माकुमारीज़ की सहयोगी संस्था
राजयोग शिक्षा एवं अनुसंधान फाउंडेशन के वे सचिव थे और ब्रह्माकुमारीज़ की एपेक्स कमेटी (उच्च समिति) के सदस्य थे. साथ ही एकाउंट विभाग के वे प्रमुख भी थे. वे एक कुशल आध्यात्मिक वक्ता और गीता ज्ञान विशेषज्ञ भी थे.
वर्ष 1955 में पहली बार संस्था के संपर्क में आए
राजयोगी बृजमोहन भाई की बचपन से ही अध्यात्म में रुचि थी. उन्होंने अपने जीवन में अनेक धर्म-ग्रंथों का पठन-पाठन किया. 22 वर्ष की उम्र में वर्ष 1955 में ब्रह्माकुमारीज़ के संपर्क में आने के बाद उनकी जीवन की दिशा ही बदल गई. यहां राजयोग मेडिटेशन सीखने के बाद ब्रह्मचर्य व्रत लेते हुए विश्व सेवा का संकल्प किया. कुछ समय तक संस्था से जुड़े रहते हुए जॉब करते रहे. भारत सरकार के फर्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में 17 वर्ष तक सेवाएं देने के बाद वर्ष 1973 में वित्त प्रबंधक के पद से इस्तीफा देकर संस्था में पूर्ण रूप से जुड़ गए.