शिशु- मातृ मृत्यु दर तथा मिर्गी मरीजों के लिए संचालित उल्लास प्रोजेक्ट की समीक्षा

उपचार तथा गुणवतापूर्ण स्वस्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य संबंधी बैठक
जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की बैठक-हुई, जिसमे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर तथा मिर्गी मरीजो के लिए संचालित ‘उल्लास प्रोजेक्ट’ की समीक्षा की गई. बैठक में शिशु और मातृ मृत्यु दर प्रतिवेदन के आधार पर जिला में मातृत्व मृत्यु तथा शिशु मृत्यु दर की समीक्षा की गई. इस दौरान डुमरिया में 1, पटमदा में 3, पोटका में 4, तथा जुगसलाई में 1 मातृ मृत्यु के कारणों की जानकारी एमओआईसी से ली गई. उन्होंने कहा कि शिशु एवं माताओं के स्वस्थ्य की नियमित जांच, उपचार तथा गुणवतापूर्ण स्वस्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एएनएम, सहिया, चिकित्सकों को अपनी जिम्मेवारी ठीक से निभानी होगी. प्रत्येक गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड, नियमित जांच, अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा आदि के बारे में लोगों को जानकारी दी जाए.
सरकार द्वारा तीसरे और चौथे एएनसी (गर्भावस्था पूर्व देखभाल) विज़िट के दौरान गर्भवती महिलाओं को मुफ्त अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा दी जाती है ताकि भ्रूण का विकास सही हो रहा है या नहीं, इसकी निगरानी की जा सके. किसी प्रकार की जटिलता (जैसे भ्रूण की स्थिति, गर्भ में पानी की मात्रा आदि) का समय रहते पता लगाया जा सके. उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की पहचान कर उचित इलाज कराया जा सके. यह सुविधा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों जैसे जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दी जाती है. इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल आदि में निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है.
इसके अतिरिक्त मिर्गी मरीजों के लिए संचालित उल्लास प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित मरीजों के नियमित उपचार, काउन्सलिंग आदि के लिए स्वास्थ्य विभाग को निदेशित किया गया. बैठक में सिविल सर्जन श्री साहिर पाल, सभी एमओआईसी तथा अन्य सम्बंधित उपस्थित थे.