मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कल, सभी समितियों ने जताई सहमति

उपायुक्त की अध्यक्षता में पूजा समितियों के साथ सिदगोड़ा टाउन हॉल में बैठक
जमशेदपुर : कल, 2 अक्टूबर को निर्धारित मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन को लेकर सिदगोड़ा टाउन हॉल में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में पूजा समितियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई. इस अवसर पर प्रतिमा विसर्जन की प्रक्रिया को लेकर चर्चा की गई. एडीएम ने पूजा समितियों के प्रतिनिधियों को बताया कि जिला प्रशासन की ओर से सभी विसर्जन घाटों पर सुरक्षा, स्वच्छता सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अन्य आवश्यक तैयारियों को मूर्त रूप दिया जा रहा है. स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है और कल ओड़िशा स्थित ब्यांगबिल डैम से पानी छोड़े जाने की संभावना है, ऐसे में श्रद्धालुओं को विसर्जन के समय विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी. श्रद्धुालुओं की सुरक्षा को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती बड़े घाटों पर की जाएगी, साथ ही नाव और कुशल गोताखोर उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. पूजा समितियों के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे निर्धारित समय और मार्ग के अनुसार मूर्ति विसर्जन करेंगे.
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि दुर्गोत्सव पूरे जिले में हर्षोल्लास एवं सामाजिक समरसता के साथ मनाया जा रहा है. विसर्जन भी सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराना प्रशासन और समितियों, दोनों की साझा जिम्मेदारी है. आने वाले 36 घंटे बेहद अहम है. इस अवधि में दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी अलर्ट मोड पर रहेंगे. उन्होंने कहा कि सभी घाटों पर आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है. सभी समितियों से सहयोग अपेक्षित है कि निर्धारित समय पर, निर्धारित मार्ग से विसर्जन कर प्रशासन का सहयोग करें.
बैठक में उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान, सिटी एसपी कुमार शिवाशीष, एडीएम भगीरथ प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, उप नगर आयुक्त जेएनएसी, डीटीओ, धालभूम के अनुमंडल पदाधिकारी, जमशेदपुर सदर के बीडीओ, सीओ, मानगो सीओ, धालभूम अनुमंडल क्षेत्र के डीएसपी, थाना प्रभारी सहित संबंधित विभागों के पदाधिकारी मौजूद रहे.
विसर्जन के पूर्व कराएं फ्लैग मार्च, ड्रोन से होगी निगरानी
सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने सभी थाना प्रभारी को कल सुबह फ्लैग मार्च कराने और विसर्जन मार्ग की ड्रोन निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विसर्जन मार्ग में किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री नहीं रहे. जिन पंडालों में ऊंची प्रतिमाएं स्थापित हैं, वहां प्रतिमा की ऊंचाई एवं घाटों के तोरणद्वार की ऊंचाई का मापन कर लिया जाए ताकि विसर्जन में कोई कठिनाई न हो. उन्होंने स्पष्ट किया कि विसर्जन जुलूस में शामिल वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र युक्त और तकनीकी रूप से सही स्थिति में हों. वाहन चालकों द्वारा किसी भी स्थिति में नशे की हालत में वाहन न चलाया जाए, पूजा समिति अपनी ओर से इसे सुनिश्चित करेंगे. यदि किसी चालक या श्रद्धालु को नशे की हालत में पाया जाता है तो तत्काल सूचना पर कार्रवाई की जाएगी.