स्थानीय फिल्मों के माध्यम से ग्रामीणों में फैला रहे जागरूकता
पोटका के केस्टोनगर गांव में लगी रात्रि चौपाल, वीपीआरए फाउंडेशन व निश्चय फाउंडेशन का संयुक्त प्रयास
जमशेदपुर : पोटका के केस्टोनगर गांव के अखड़े में रात्रि चौपाल लगाकर ग्रामवासियों ने सिनेमा का आनंद उठाया. युवा फिल्मकारों से सजी वीपीआरए फाउंडेशन व सामाजिक संस्था ‘निश्चय फाउंडेशन’ के तत्वावधान में गांव फिल्म फेस्टिवल के तहत फिल्म स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान संताली लघु फिल्म हिदीज, आंगीभार, पपाया के साथ साथ हिंदी लघु फिल्म ग्रामसभा का स्क्रीनिंग की गई. फिल्मों के माध्यम से आधुनिक होते समय में गांवों में रहनेवाले कृषक समाज की उलझने, भाषाओं के संवर्धन हेतु अंतरपीढ़ीगत संवाद की आवश्यकता, ग्रामीण परिवेश में बदलाव लाने हेतु बच्चों व युवाओं के शिक्षा का महत्व, ग्राम सभा के माध्यम से गांव की समस्याओ का समाधान, पेसा कानून आदि मुद्दों पर जागरूकता फैलाई गई. हर फिल्म के बाद फिल्म से जुड़े मुद्दे पर विस्तार से संवाद भी किया गया, जिसमें जानकारियों व सामान्य समझ में अंतर भी साफ साफ नजर आया. केस्टोनगर गांव के माझी गणेश मुर्मू ने बताया कि अभी तक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से गांववालों को जागरूक किया जाता था, लेकिन फिल्म के माध्यम से भी ऐसा कुछ किया जा सकता है, यह देखना हम गांववालों के लिए अनूठा रहा. दिखाई गई सभी फिल्में स्थानीय स्तर पर ही युवा फिल्मकारों के द्वारा निर्मित की गई है. मौके पर वीपीआर फाउंडेशन के युवा फिल्मकार विकास, प्रकाश, प्रज्ञा सिंह, कुणाल, सुमित मरांडी, असिस्टेंट प्रोफेसर बापी मुर्मू, पीएचडी रिसर्च स्कॉलर तन्मय शुभम, निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार व अन्य उपस्थित थे.
कार्यक्रम के दौरान 100 से ज्यादा बच्चे और ग्रामीण उपस्थित थे. केस्टोनगर में फिल्म स्क्रीनिंग के आयोजन में संताली कलाकार राम चंद्र मार्डी व उर्मिला का महत्वपूर्ण योगदान रहा. गांव के माझी बाबा के मार्गदर्शन से आनेवाले समय में धीरोल पुड़सी के सभी 16 गांवों धिरोड, कालिकापुर, मातकमडीह, मानहाड़ा, केस्टोनगर, रांगमाटीया, पाथरभांगा, सावनाडीह, बिरबाद, रिमड़ा, राहामदा, स्वर्गचिड़ा, चेमाईजुडी, दाबांकी, बालिजुडी और माहलेसाई में बारी बारी से रात्रि चौपाल लगाकर लोगों को सिनेमा दिखाने की योजना है. बिना किसी वित्तीय सहायता के युवा व ग्रामीण भागीदारी से जरूरी संसाधन जुटाकर फिल्मों के माध्यम से गांवों के मुद्दों पर स्वस्थ चर्चा शुरू करने का मंच तैयार करने का यह प्रयास बेहद प्रेरक है.
