October 22, 2025

‘सरकार की आमद मरहब्बा, हजूर की आमद मरहब्बा, मक्की की आमद मरहब्बा…’

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ईद मिलाद-उन-नबी पर मानगो में निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी, साकची होते हुए धतकीडीह में समापन
जमशेदपुर : शहर में धूमधाम से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया, जिसमें अकीदत मंद शानो शौकत के साथ शामिल हुए. मानगो गांधी मैदान से शुरु हुआ जुलूस मानगो चौक, मानगो बस स्टैंड गोलचक्कर होते हुए साकची आमबागान पहुंचा. वहां उलेमा की तकरीर हुई, जिसमें लोगों को बताया गया कि आज ही के दिन कायनात के रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि व आलेही वसल्लम दुनिया में तशरीफ लाए थे. लोगों से अपील की गई कि वे शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस में शामिल हों. आम बागान में तकरीर के बाद जुलूस आगे बढ़ा. साकची गोलचक्कर पर भालूबासा और टेल्को के बारीनगर व गोलमुरी से आनेवाले जुलूस इसमें शामिल हुए. इसके बाद यह जुलूस स्ट्रेट माइल रोड होता हुआ धतकीडीह पहुंचा.
सडक़ के दोनों तरफ स्टाल लगाकर लोगों को हलवा, शरबत, चना, चाय, कॉफी, बिस्किट आदि का वितरण किया गया. जुगसलाई से भी एक जुलूस से मोहम्मदी निकला, जो सीधे बिष्टुपुर होते हुए धतकीडीह पहुंचा. कपाली से लोग जुलूस की शक्ल में ओल्ड पुरुलिया रोड पहुंचे, जहां से चेपापुल होते हुए गांधी मैदान पहुंचे. गांधी मैदान से जब जुलूस निकला तो आगे आगे उलेमा थे, उसके पीछे बाइक सवार और पीछे कार सवार थे. हर तरफ सरकार की आमद मरहबा की गूंज थी. अहले सुन्नत वा जमात के महासचिव मुफ़्ती जिया मुस्तफ़ा कादरी ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद को इस दुनिया में आए 1500 साल हो गए हैं. इसलिए इस साल ईद मिलादुन्नबी का जश्न और मुहम्मदी जुलूस बेहद ऐतिहासिक है.

सैकड़ों स्वंयसेवकों ने संभाली ट्रॉफिक व्यवस्था


सुरक्षा टी-शर्ट और पहचान पत्र पहने सैकड़ों स्वयंसेवक जुलूस के साथ चल रहे थे और जुलूस और यातायात को नियंत्रित कर रहे थे. मानगो से साकची, बिष्टुपुर से धतकीडीह तक सडक़ के दोनों ओर टेंट और शामियाने लगाए गए थे, जहां शर्बत, शीतल पेय, पानी की बोतलें और नाश्ता वितरित किया जा रहा था. धातकीडीह मैदान में बड़ी संख्या में लंगर का आयोजन किया गया था.

ज़ेरे अर्श-ए-बरी बसनेवालों, अर्श है ज़ेर-ए-पाए मुहम्मद : हिदायत


इस अवसर पर झारखण्ड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने कहा इस्लाम शांति का संदेश देता है और लोग इसी संदेश के साथ सडक़ों पर उतरे हैं. आज हमें पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं पर अमल करने की ज़रूरत है. हमें इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए और पैगंबर मुहम्मद की सुन्नत पर अमल करना चाहिए. श्री खान ने तंज़ीम अहले सुन्नत वा जमात के संस्थापक दिवंगत अल्लामा अरशदुल कादरी के नाम पर धतकीडीह का नाम अरशदनगर करने की मांग रखी. उन्होंने पंजाब में बाढ़ प्रभावितों के लिए खुलकर सहायता प्रदान करने की अपील की. कहा कि हमारे आका हजऱत मुहम्मद ने जरूरतमंदों की मदद की हमें शिक्षा दी है. इसके समापन पर श्री ख़ान ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में नात शरीफ़ पढ़ी. धतकीडीह स्थित मक्का मस्जिद में जुम्मे की नमाज़ें हुईं. पहली नमाज़ दोपहर 1 बजे, पहली नमाज़ समाप्त होने के बाद दोपहर 2.15 बजे और तीसरी नमाज़ 2.45 बजे हुई.

साकची व धतकीडीह में ये रहे मौजूद


आम बगान मैदान की सभा में मंच पर मुफ्ती जियाउल मुस्तफा कादरी, मौलाना शमशाद उल कादरी, मौलाना बुरहानूल हुदा, मौलाना कारी इमरान अंसारी, मौलाना इंतखाब राजा मिस्बाही, हजरत मुफ्ती तौसीफ राजा मिस्बाही, मुफ्ती शफहत हुसैन मिस्बाही, अब्दुल अज़ीज़ मिस्बाही, माजिद अख्तर उपस्थित थे. वहीं धतकीडीह कम्युनिटी सेंटर में शामिल होनेवालों में मुफ्ती जियाउल मुस्तफा कादरी, हिदायतुल्लाह खान, अब्दुल रऊफ, मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिदी, मौलाना इंतखाब आलम, काजी मुश्ताक अहमद, कारी असलम रब्बानी, मुफ्ती अब्दुल अज़ीज़ फैजी आदि मौजूद थे.