एमजीएम पुलिस पर झूठ बोलकर एफआईआर कराने का आरोप
● एसएसपी से शिकायत : दोषी पुलिस पर कार्रवाई व एफआईआर रद्द करने की मांग
जमशेदपुर : एमजीएम थाना क्षेत्र की निवासी राबड़ी प्रमाणिक (उम्र 25 वर्ष, पति आदित्य प्रमाणिक) ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत देकर एमजीएम थाना पुलिस पर झूठ बोलकर जबरन एफआईआर करवाने का गंभीर आरोप लगाया है. राबड़ी प्रमाणिक ने बताया कि उनका बड़ा भाई चमटू प्रमाणिक उर्फ शंभू, जो बेताकोचा भूत बंगला स्थित एक स्टोन चिप्स और डस्ट मिक्सिंग फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता है. गत 24 अक्टूबर, 2025 को काम के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था. दुर्घटना में उसका हाथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा उसे पहले टीएमएच अस्पताल और बाद में बेहतर इलाज के लिए एम्स भुवनेश्वर (ओडिशा) भेजा गया, जहां उसका इलाज फैक्ट्री मालिक के सहयोग से चल रहा है.
राबड़ी ने बताया कि 26 अक्टूबर 2025 को दो व्यक्ति उनके घर पहुंचे और खुद को एमजीएम थाना पुलिस बताकर कहा कि “बड़ा बाबू” ने थाने बुलाया है. जब परिवार ने कहा कि वे कोई केस दर्ज नहीं करवाना चाहते, तो पुलिसकर्मियों ने कहा कि बुलाने का मकसद केवल मुआवजा और विकलांग प्रमाणपत्र की प्रक्रिया से जुड़ा है. थाना पहुंचने पर मुंशी ने पहले से तैयार एक आवेदन पर हस्ताक्षर करवाए. बाद में पता चला कि वह आवेदन वास्तव में एफआईआर की कॉपी थी, जो धोखे से साइन करवाया गया.
राबड़ी का कहना है कि उनके गांव में ग्रामीणों की उपस्थिति में ग्राम सभा हुई थी, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि घायल मजदूर का इलाज अच्छे से कराया जाए, उसे मुआवजा और स्थायी नौकरी दी जाए और कोई कानूनी मामला दर्ज नहीं किया जाए। फैक्ट्री मालिक ने भी इस निर्णय को स्वीकार किया था. इसके बावजूद एमजीएम थाना के पुलिसकर्मियों ने झूठ बोलकर जबरदस्ती एफआईआर दर्ज कर ली. राबड़ी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए और झूठे तरीके से दर्ज की गई एफआईआर को रद्द किया जाए.
