October 19, 2025

नागाडीह हत्याकांड : 5 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा

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जमशेदपुर : बागबेड़ा थाना क्षेत्र में गत 18 मई, 2017 को नागाडीह में हुए हत्याकांड में जमशेदपुर कोर्ट ने 5 अभियुक्तों को बुधवार को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पांच अभियुक्तों के नाम राजाराम हांसदा, गोपाल हांसदा, रेंगो पूर्ति, तारा मंडल और सुनील सरदार है. एडीजे वन विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने यह फैसला दिया. अदालत सितंबर में ही अभियुक्तों को दोषी करार दे चुकी थी. आज सजा के बिंदु पर बहस हुई, जिसमें सुशील कुमार जायसवाल ने बहस करते हुए उदाहरणों के साथ इसे रेअरेस्ट ऑफ द रेअर बताते हुए, उसी लिहाज से सजा मुकर्रर करने की अपील की.
हालांकि कोर्ट ने इसे रेअरेस्ट ऑफ द रेअर नहीं माना और धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही, धारा 307 के तहत दस-दस साल की सजा सुनाई. वहीं अन्य धाराओं में दो-दो साल की सजा सुनाई. इस केस में कुल 19 लोगों की गवाही हुई. इस घटना के पीड़ित परिवार को डालसा की तरफ से विक्टिम कॉम्पनसेशन स्कीम के तहत मुआवजा दिया जाएगा. पीडि़त पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता सुशील जायसवाल, सुधीर कुमार पप्पू और जगत विजय सिंह ने बहस की. बागबेड़ा थाना में दर्ज कांड संख्या-91/2017 पर आज का यह फैसला आया है, जहां पीडि़त परिजन उत्तम वर्मा के बयान पर मामला दर्ज हुआ था. वहीं, इसी कांड पर पुलिस (तत्कालीन थाना प्रभारी अमिष हुसैन के बयान पर) द्वारा दर्ज कांड संख्या-90/2017 कोर्ट में लंबित है. उसके अलावा, इसी मामले से संबंधित अन्य कुछ केस भी न्यायालय में लंबित चल रहे हैं.

क्या था नागाडीह हत्याकांड
बता दें कि 18 मई 2017 को बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह में बच्चा चोर के अफवाह में उन्मादी भीड़ ने जुगसलाई नया बाजार निवासी विकास वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा, उन दोनों की दादी रामसखी देवी और बागबेड़ा के रहनेवाले गंगेश गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.*

अब भी 8-10 अभियुक्त हैं फरार
इस घटना को लेकर विभिन्न अभियुक्तों पर अलग-अलग भी केस चल रहे हैं. इससे संबंधित लगभग सात मामले न्यायालय में लंबित हैं. अधिवक्ता सुशील जायसवाल ने बताया कि विभीषण सरदार, जगत मार्डी समेत आठ दस अभियुक्त फरार चल रहे हैं.

इन धाराओं के तहत दोषी करार दिए गए
अधिवक्ता सुशील जायसवाल ने बताया कि पांचों अभियुक्त आईपीसी की धारा 302, 307, 341, 342, 338, 117/149 के तहत दोषी करार दिए गए थे.