October 18, 2025

वन स्टाॅप सेंटर को सुविधायुक्त बनाने व जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ विचार-मंथन

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सामाजिक संस्था युवा, क्रिया और डब्ल्यूजीजी का आयोजन

जमशेदपुर : हिंंसा की शिकार महिलाओं के लिए बनाये गए अस्थाई आश्रय गृह वन स्टाॅप सेंटरों/सखी सेंटरों की सक्रियता प्रत्येक पीड़ित महिला व विकलांगजनों तक इसकी पहुंच बढाने के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए संस्था ‘युवा’, क्रिया और डब्ल्यूजीजी की ओर से रांची के एक होटल में परिचर्चा का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में वन स्टाॅप सेंटर को बेहतर बनाने के साथ ही युवा लडकियों और विकलांग महिलाओं के लिए जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ संस्थागत सुरक्षा उपायों व हिंसा रोकने के लिए अंतर विभागीय समन्वय व संभावना पर पैनल डिस्कशन हुआ जिसमें बतौर पैनलिस्ट आनंद प्रियदर्शी (डिप्टी डायरेक्टर, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग), सुजाता कुमारी (प्रतिनिधि, महिला एवं बाल विकास विभाग), सत्य प्रकाश (डिप्टी डायरेक्टर, बीडीएस, प्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग), राजश्री वर्मा (जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस), बबीता (प्रोग्राम मैनेजर, क्रिया), रोहित (प्रतिनिधि, झालसा), अन्नी अमृता (प्रतिनिधि, मीडिया) आदि शामिल हुए.
मौके पर ‘युवा’ की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती और संस्था की अंजना देवगम ने जेंडर आधारित हिंसा रोकने के लिए युवा द्वारा जिले के पोटका क्षेत्र में चलाए जा रहे जागरुकता कार्यक्रम की जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि सत्य प्रकाश ने विभाग की तरफ से किए जा रहे जागरुकता कार्यक्रमों की जानकारी दी.
आनंद प्रियदर्शी ने कहा कि जनसंपर्क विभाग न सिर्फ सरकार के कार्यक्रमों की जानकारी देता है बल्कि यह जनता और सरकार के बीच एक सेतु का भी कार्य करता है. कोशिश यही रहती है कि जनता से मिले फीडबैक के आधार पर आगे सुधार हो. सुजाता कुमारी ने बताया कि कोशिश हो रही है कि आनेवाले दिनों में वन स्टाॅप सेंटरों में 10 दिन रहने की सीमा को बढाकर 20दिन किया जाए.
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बातें रखी. अन्नी अमृता ने कहा कि मीडिया पीड़ित महिलाओं की आवाज बनता है, जिससे अन्य महिलाएं भी आवाज उठाने को प्रेरित होती हैं. कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न जिलों से आई महिलाओं ने वन स्टॉप सेंटरों के बारे में अपने अनुभव साझा करते हुए खामियों की जानकारी दी. किसी ने 24 घंटा संचालित न होने की बात कही तो किसी ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने की शिकायत की. कई महिलाओं ने उदाहरण के साथ बताया कि कैसे हिंसा की शिकार महिलाओं को पुलिस थाने में अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता. रांची महिला थाना प्रभारी रेणुका टुडू ने महिला थाना के कार्य और चुनौतियों की जानकारी दी.
कार्यक्रम का संचालन अंजना देवगम और वर्णाली चक्रवर्ती ने किया, वहीं पैनल का संचालन नसरीन जमाल ने किया. कार्यक्रम में सीडब्ल्यूसी, जमशेदपुर की पूर्व चेयरपर्सन प्रभा जायसवाल और महिला कोषांग से निर्मला शुक्ला खास तौर पर शामिल हुईं. कार्यक्रम में सोनू शर्मा, सुकुमारी, कुंती कुमारी, रेणु महतो, अभिषेक और अन्य कई लोगों ने भाग लिया.