October 23, 2025

बालू एवं खदान की नीलामी पर रोक लगाने का स्वागत : टिक्की

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जमशेदपुर : ट्राइबल इंडियन चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (टिक्की) ने झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पेसा कानून लागू होने तक बालू एवं लघु खनिज खदान की नीलामी पर रोक लगाने का स्वागत किया है. टिक्की ने कहा कि इस तरह के फैसले से निश्चित ही आम जनता का न्यायपालिका के प्रति विश्वास बढ़ेगा. टिक्की के प्रदेश अध्यक्ष बैद्यनाथ मांडी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निकाले गए बालू घाटों का ग्रुप निविदा का हम पुरजोर विरोध करते हैं.
उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र में बालू घाट पर पहला अधिकार स्थानीय आदिवासियों एवं ग्राम सभा का है. जब पेसा अधिनियम धारा 4 ( d ), समता जजमेंट सुप्रीम कोर्ट 1997, झारखंड हाई कोर्ट एवं वन अधिकार अधिनियम 2006, सभी ने माना कि अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा की अनुमति के बिना, संसाधनों का दोहन गैर कानूनी है. संसाधनों का नियंत्रण एवं प्रबंधन दोनों ग्राम सभा के द्वारा किया जाएगा. इसके बावजूद राज्य सरकार ने सभी नियम कानून को ताक में रखकर बाहरी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा आमंत्रित किया था सरकार ने आदिवासी राज्य में आदिवासियों के अधिकार को संरक्षित करने के बजाय उनके नियम कानूनो की धज्जियां उड़ाते हुए उपेक्षा करने का काम किया है. राज्य सरकार ने जानबूझकर निविदा में ऐसे शर्ते रखी जिससे कि स्थानीय आदिवासियों को निविदा में भाग लेने का मौका ना मिल सके. मांडी ने कहा कि बालू घाटों का नीलामी के लिए ग्रुप निविदा करने के बजाय अलग-अलग निविदा निकाली जाए ताकि अनुसूचित क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी युवाओं या उनके द्वारा संचालित कोऑपरेटिव संस्थाओं को उनका अधिकार मिल सके एवं उनको उद्योग धंधों से जोड़ा जा सके. वहीं, निविदा में न्यूनतम अग्रधन राशि से लेकर न्यूनतम बोली तक की प्रक्रिया न्यायपूर्ण एवं सरल होनी चाहिए.