JSSC सहायक आचार्य भर्ती: निगेटिव मार्किंग न होने के बाद भी 9 हजार से ज्यादा पद खाली, नार्मलाइजेशन और बायोमेट्रिक खामियों पर उठे सवाल

रांची। झारखंड के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा-2023 के परिणाम जारी होने के बाद बड़ी संख्या में पद खाली रह गए हैं। कंप्यूटर आधारित (CBT) इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं थी, फिर भी यह अभ्यर्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुई। कुल 15,001 पदों में से केवल 5,775 उम्मीदवार सफल हो पाए, जबकि 9,248 पद रिक्त रह गए। सबसे ज्यादा रिक्तियां पारा शिक्षक श्रेणी और आरक्षित वर्ग में दर्ज की गईं।अभ्यर्थियों का कहना है कि नार्मलाइजेशन प्रक्रिया और क्वालिफाइंग पेपर में आवश्यक अंक न ला पाना इसके प्रमुख कारण हैं। सामान्य और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 40%, एससी-एसटी के लिए 32%, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34% और आदिम जनजाति के लिए 30% अंक न्यूनतम अनिवार्य थे।इसके साथ ही, JSSC ने बायोमेट्रिक मिलान न होने के कारण कई अभ्यर्थियों का परिणाम रोक दिया है। टेट सफल सहायक अध्यापक संघ का आरोप है कि बायोमेट्रिक मशीन की खराबी से हजारों उम्मीदवार प्रमाणपत्र जांच से वंचित रह गए। संघ ने मांग की है कि शपथपत्र के आधार पर प्रमाणपत्रों की जांच कर परिणाम घोषित किया जाए।जो अभ्यर्थी अपने परिणाम से असंतुष्ट हैं, वे 500 रुपये शुल्क के साथ सात दिनों के भीतर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं।