कुड़मी समाज पर अभद्र टिप्पणी करनेवालों पर हो कार्रवाई
राज्यपाल से मिला आदिवासी कुड़मी समाज, सौंपा ज्ञापन
जमशेदपुर : आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज महतो टिडुआर के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल झारखंड को एक मांग पत्र सौंपा गया,
जिसमें जानकारी दी गयी कि कुड़मी समाज द्वारा विभिन्न संवैधानिक मुद्दों, अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने एंव सरना धर्म कोड की मान्यता आदि की मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन किया जा रहा है. ऐसे में अनुसूचित जनजाति के एक विशेष वर्ग द्वारा आये दिन सभा, रैली एवं सोशल मीडिया में कुड़मी समुदाय के प्रति अभद्र टिप्पणी, गाली-गलौज, एवं भड़काऊ भाषण देते हुए शहीदों पर अभद्र टिप्पणी एवं माननीयों को धमकी दी जा रही है.
इसलिए कुड़मी समाज ने मांग की कि राज्य एवं केंद्र स्तर पर आदेश जारी करे कि किसी भी समाज, जनजाति, भाषा, संस्कृति या समुदाय के विरुद्ध अभद्र भाषा, अपमानजनक टिप्पणी या गाली-गलौज करने वालों पर तत्काल रोक लगे. सोशल मीडिया (यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप) पर किसी भी समुदाय के विरुद्ध नफ़रत फैलाने, उकसाने या झूठे प्रचार से संबंधित वीडियो/पोस्ट डालने वालों की पहचान कर आईटी एक्ट, आईपीसी एवं संबंधित धाराओं के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए. मंच, सभा, रैली, राजनैतिक या सामाजिक कार्यक्रमों में समुदाय विशेष को नीचा दिखाने या अपमानित करने वाले वक्ताओं पर तत्काल प्रतिबंध/एफआईआर दर्ज की जाए. सभी जिलों के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षकों को सामुदायिक तनाव से संबंधित प्रत्येक घटना पर तत्काल संज्ञान लेने एवं आवश्यक कदम उठाने हेतु निर्देशित किया जाए. कुड़मी समाज सहित सभी आदिवासी एवं मूलवासी समुदायों के ऐतिहासिक शहीदों, आंदोलनकारियों और सामाजिक नायकों का अपमान करनेवालों की पहचान कर उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए एवं दोनों समाजों के बीच भाईचारा, संवाद एवं शांति स्थापित करने के लिए राज्य स्तर पर सौहार्द समिति का गठन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह या उत्तेजक गतिविधि को समय रहते रोका जा सके. प्रतिनिधि मंडल में केंद्रीय उपाध्यक्ष निरंजन बंसरिआर, प्रदेश उपाध्यक्ष सुधांशु बानुआर, केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य संदीप कुमार महतो, रामगढ़ जिला कोषाध्यक्ष सत्यनारायण महतो शामिल थे.
