बड्डा गांव में कुडुमी और आदिवासी समुदायों ने हर्षोल्लास से मनाया बंदना पर्व
रायरंगपुर। मयूरभंज जिले के रायरंगपुर प्रखंड के नुरू बड्डा गाँव में कुडुमी और आदिवासी समुदायों द्वारा पारंपरिक बंदना पर्व धूमधाम से मनाया गया। दीपावली के अवसर पर आयोजित यह पर्व तीन दिनों तक चला, जिसमें गांववासियों ने बैलों, गायों और कृषि कार्यों से जुड़े पारंपरिक उत्सवों को श्रद्धा और आनंद के साथ संपन्न किया।
पहले दिन गांवों में लीपा-पोता किया गया और ग्वालों ने अपने बैलों को स्नान कराकर सजाया-संवारा। दूसरे दिन गोठा पूजा गई, जिसमें गाय-बैलों की पूजा कर उन्हें हल्दी, चंदन और फूलों से सजाया गया। तीसरे दिन गांव के अखाड़े में पारंपरिक गोरू खुंटा उत्सव मनाया गया।
इस अवसर पर महिलाओं ने गाय माता को प्रसाद अर्पित किया और फसल की समृद्धि की कामना की। बाद में बैलों को खूंटे में बांधकर पूजा की गई तथा पारंपरिक गीत-संगीत और धमसा बाजा की थाप पर मदुरिया ढिंगुआन ने गायों के साथ नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का आयोजन राजकपुर महानाथ के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर जगमोहन महानाथ, अश्विनी महानाथ, टुकू महानाथ, नजेनेंद्र महानाथ, नुपा महानाथ, रूपा महानाथ, कुंदन माझी, पवन माझी, माटू माझी और उडुगु माझी सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे। पूरे क्षेत्र से लोग इस पारंपरिक उत्सव को देखने के लिए पहुंचे और देर रात तक उत्सव का आनंद लेते रहे।
कुडुमी समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला यह बंदना पर्व न केवल पशुधन के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है, बल्कि सामूहिक श्रम, प्रेम और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन गया है।
