प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑपरेशन सिंधुर पर डा. एस. जयशंकर के भाषण की प्रशंसा कहा उनके वक्तव्य आउटस्टैंडिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर के ऑपरेशन सिंधुर पर दिए गए भाषण को “उत्कृष्ट” बताया। इस भाषण में डा. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के भारत के दृष्टिकोण को विश्व के सामने रखा और कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई रणनीति
डा. जयशंकर ने आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की नई पांच सूत्रीय रणनीति का उल्लेख किया, जिसमें शामिल हैं:
कोई प्रॉक्सी नहीं: आतंकवादियों को प्रॉक्सी के रूप में नहीं माना जाएगा, बल्कि उन्हें सीधे जवाबदेह ठहराया जाएगा।
उचित जवाब: सीमा पार आतंकवाद को उचित जवाब दिया जाएगा, जिससे आतंकवादियों को यह पता चले कि भारत किसी भी हालत में समझौता नहीं करेगा।
आतंक पर बात: आतंकवाद पर ही बात होगी, और किसी भी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाएगी।
कोई परमाणु ब्लैकमेल नहीं: भारत परमाणु ब्लैकमेल में नहीं आएगा और अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
आतंक और अच्छे पड़ोसीपन: आतंक और अच्छे पड़ोसीपन एक साथ नहीं रह सकते, और भारत अपने पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए काम करेगा।
विश्व का समर्थन
डा. जयशंकर ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से केवल तीन ने ऑपरेशन सिंधुर का विरोध किया, जो भारत के आतंकवाद विरोधी रुख के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन को दर्शाता है।
कूटनीतिक प्रयास
उन्होंने भारत के कूटनीतिक प्रयासों को रेखांकित किया, जिनमें उनके द्वारा 27 फोन कॉल और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगभग 20 फोन कॉल शामिल हैं, साथ ही विभिन्न देशों से समर्थन के 35-40 पत्र भी प्राप्त हुए।
टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करना
डा. जयशंकर ने जोर दिया कि अमेरिका ने भारत के कूटनीतिक प्रयासों के कारण द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया, जो भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों को एक बड़ी सफलता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रुख
उन्होंने क्वाड और ब्रिक्स जैसे अंतरराष्ट्रीय समूहों के बयानों का हवाला दिया, जिन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की और आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट है।