October 18, 2025

रामकृष्ण मिशन छात्रावास में मनाई गई जेआरडी टाटा जयंती व जड़ी-बूटी दिवस

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जमशेदपुर। पतंजलि योग परिवार के तत्वावधान में रामकृष्ण मिशन विवेकानंद छात्रावास, साकची में महान उद्योगपति जेआरडी टाटा जयंती सह जड़ी-बूटी दिवस का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया।

कार्यक्रम में बच्चों ने न केवल टाटा समूह के संस्थापक जेआरडी टाटा के जीवन से प्रेरणा ली, बल्कि औषधीय पौधों के महत्व को भी समझा।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टाटा स्टील के वरीय प्रबंधक आनंद कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि महान व्यक्तित्वों की जयंती मनाने का उद्देश्य यही है कि हम उनके जीवन से प्रेरणा लेकर स्वयं को बेहतर बना सकें।

उन्होंने जेआरडी टाटा को “गुणों की खान” बताते हुए उनके जीवन से सीखने का आह्वान किया।इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन विवेकानंद छात्रावास के प्रमुख रंजीत जी महाराज, मुख्य शिक्षक रोशन जी महाराज, पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी कृष्ण कुमार, महासचिव मनोज श्रीवास्तव, पतंजलि युवा भारत के सह-राज्य प्रभारी विपिन कुमार, किसान सेवा समिति के जिला प्रभारी बिहारी लाल, सोशल मीडिया जिला प्रभारी नरेंद्र कुमार, भारत स्वाभिमान के सह-जिला प्रभारी अशोक शर्मा, वरिष्ठ योग शिक्षक शशि शेखर प्रसाद सिंह, युवा कार्यकर्ता दीपक कुमार, श्रीराम सिंह, एवं छात्रावास के मुख्य प्रबंधक विकास बनर्जी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में छात्रों के बीच कई ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें प्रमुख रूप से आचार्य बालकृष्ण औषधि ज्ञान पुरस्कार प्रतियोगिता, जेआरडी टाटा पर आधारित क्विज, चित्रांकन प्रतियोगिता और भाषण प्रतियोगिता शामिल थीं।औषधीय ज्ञान प्रतियोगिता में बच्चों को औषधीय पत्तियों की पहचान और उनके उपयोग बताने थे, जिसमें धीरज प्रमाणिक, संजय कुमार गोप, रितेश कुमार महतो, मंगल गोराई, सुमित पहाड़िया एवं गौतम महतो को सम्मानित किया गया।जेआरडी टाटा क्विज प्रतियोगिता में सगुन बेसरा, उमेश मार्डी, मोहन महतो, संजय कुमार गोप, कृष्णा मुर्मू, सार्थक मजूमदार, आशीष कुमार महतो और राजू महतो विजेता रहे।

भाषण प्रतियोगिता में रितेश कुमार महतो ने प्रथम, अमरजीत सोरेन ने द्वितीय और जगन्नाथ मार्डी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।चित्रांकन प्रतियोगिता में रंजीत बेदिया प्रथम, सचिन रुहीदास द्वितीय, असिफ हेंब्रम तृतीय तथा उमेश मंदी और सूरज महतो को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।कार्यक्रम का समापन पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए और महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर “वसुधा को हरा-भरा बनाए रखने” के संदेश के साथ किया गया।