निरंतर संवाद और साहित्य अध्ययन से ही शोध को मिलती है नई दिशा : डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव
आरंभ 2025 : अर्का जैन विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्रों की शोध यात्रा का शुभारंभ
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जमशेदपुर : अर्का जैन विश्वविद्यालय में सोमवार से पीएचडी शोधार्थियों के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन एवं इंडक्शन कार्यक्रम “आरंभ 2025” का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों को विश्वविद्यालय के शोध वातावरण, अनुसंधान नियमों, नैतिकता और आचार संहिता से परिचित कराना है।
डॉ. मनीष कुमार झा ने शोधार्थियों को दी प्रेरणा
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में एनआईटी जमशेदपुर के मानविकी, सामाजिक विज्ञान एवं प्रबंधन विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार झा उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में शोध, नवाचार और शैक्षणिक ईमानदारी के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. झा ने शोधार्थियों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए दृढ़ निश्चय के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी।
कुलपति ने शोध को बताया समाज के लिए उपयोगी
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. ईश्वरन अय्यर ने कहा कि शोध केवल शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए उपयोगी ज्ञान निर्माण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने शोधार्थियों को अनुशासन, नैतिकता और गहनता को प्राथमिकता देने की सीख दी।
विश्वविद्यालय का सहयोग हमेशा उपलब्ध : प्रति-कुलपति
प्रति-कुलपति प्रो. (डॉ.) अंगद तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय शोधार्थियों को सभी आवश्यक प्रशासनिक और शैक्षणिक सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने शोधार्थियों से नियमों, समय-सीमा का पालन तथा बेहतर शोध संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया।
अपने पर्यवेक्षक के साथ नियमित संवाद की सलाह
रजिस्ट्रार डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि निरंतर संवाद और साहित्य अध्ययन से ही शोध को नई दिशा मिलती है। उन्होंने शोधार्थियों को अपने पर्यवेक्षक के साथ नियमित संवाद बनाए रखना चाहिए। उन्होंने शोध अंतराल को पहचानने के लिए व्यापक साहित्य अध्ययन पर जोर दिया और शोधार्थियों को नए विचारों व पद्धतियों को आत्मसात करने की सलाह दी।
शोधार्थियों की प्रगति ही विश्वविद्यालय की सफलता : डॉ. धंजल
संयुक्त रजिस्ट्रार डॉ. जसबीर सिंह धंजल ने शोधार्थियों को विश्वविद्यालय की नीतियों व प्रक्रियाओं की जानकारी दी और हर कदम पर सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों की शैक्षणिक और व्यक्तिगत प्रगति ही विश्वविद्यालय की असली सफलता है।
पीएचडी यात्रा का रोडमैप प्रस्तुत किया गया
शोध विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सोनिया रियात ने शोधार्थियों के लिए पीएचडी यात्रा का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया और उन्हें समर्पण एवं ईमानदारी के साथ शोध कार्य करने का संदेश दिया।
धन्यवाद ज्ञापन और आगे के सत्र
धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार पाठक ने किया। इस क्रम में उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय “आरंभ 2025” कार्यक्रम के अंतर्गत शोधार्थियों के लिए मानव मूल्य, अनुसंधान नैतिकता, आचार संहिता, विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति तथा बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) जैसे विषयों पर विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही उद्घाटन सत्र का समापन हुआ।
