सरकारी कागजातों में मौजूद है कुड़मी समाज का रिकॉर्ड, पहल करें सरकार
बिष्टुपुर गोपाल मैदान में जुटे कुड़मी समुदाय के लोग, सरकार से मांगा अपना अधिकार
जमशेदपुर : वृहद झारखंड समन्वय समिति और कुड़मी सेना की ओर से आज बिस्टुपुर गोपाल मैदान में ‘विशाल कुड़मी अधिकार महारैली’ का आयोजन हुआ, जिसमे लोगों ने समाज को अभीतक उनके अधिकारों से वंचित रखने पर सरकार को कोसा और जल्द से जल्द इसे पूरा करने की आवाज बुलंद की. साथ ही समाज के जन प्रतिनिधियों से भी इस आंदोलन में साथ देने की मांग की. उनकी मांगों में कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची और कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग दोहराई.
रैली में बतौर मुख्य अतिथि जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय शामिल हुए. उन्होंने कहा कि कुड़मियों की जो भी मांग है, सभी संवैधानिक है और सरकारी कागजातों में इसके रिकॉर्ड है. इसका निराकरण भी सरकार के स्तर पर होना है, इसलिए राज्य व केंद्र सरकार को चाहिए कि समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ ‘टेबल टॉक’ करे और वे जो भी हक-अधिकार से वंचित है, उसपर विचार करें. इसके पूर्व श्री राय ने मैदान में गौवंशीय पशु की पूजा अर्चना कर व शहीदों को नमन कर रैली की शुरुआत की. कार्यक्रम का संचालन हरमोहन महतो तथा धन्यवाद ज्ञापन शैलेन्द्र महतो ने किया. महारैली को सफल बनाने में प्रदेश अध्यक्ष विशाल महतो, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पिंकी महतो, सूरज महतो, प्रबीर महतो, बिष्णुदेव महतो, अजय महतो, कार्तिक महतो, नीलाम्बर महतो, प्रेम महतो, सुनील महतो, मनोज महतो, बिजय महतो, दीवाकर महतो एवं अन्य शामिल थे.
सांसद-विधायक सरकार पर बनाएं दबाव : हरमोहन
झारखंड आंदोलनकारी सह आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो ने कहा कि आगामी दिसंबर से लोकसभा व झारखंड विधानसभा के सत्र शुरू हो रहे हैं, इसलिए समाज की उपरोक्त मांगों को पूरा करने की दिशा में समाज के सांसदों व विधायकों को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगामी 11 जनवरी, 2026 को रांची मोरहाबादी मैदान में भव्य रूप से राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन होगा. इस संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए आज की रैली आयोजित की गई थी.
समाज के जनप्रतिनिधियों का रवैया दु:खद : शैलेन्द्र
कुड़मी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र महतो ने कहा कि समाज हित में उठ रही बातों को समाज के जनप्रतिनिधियों द्वारा नजरअंदाज करना वाकई चिंतनीय और दु:खद है. जबकि दूसरे समाज के प्रतिनिधि चुनाव में जीत हार की चिंता छोड़ अपने समाज के साथ खड़े मिलते हैं. जबकि कुड़मी समाज के लोग कुर्सी की चिंता में समाज को दरकिनार कर रहे हैं.
अपनी पहचान व संस्कृति के लिये लड़ रहा समाज : अमित
युवा आंदोलनकारी अमित महतो ने कहा कि कुड़मी समाज के कई लोग देश को आजाद और झारखंड को अलग राज्य बनाने में अपनी शहादत दी, इसके बावजूद आजतक यह समाज अपनी पहचान, भाषा, संस्कृति के लिए संघर्षरत है. उन्होंने सरकार से समाज की मांगों पर पुन: विचार करने की मांग की.
बेदी बनाकर दी गयी शहीदों को श्रद्धांजलि
गोपाल मैदान में शहीद बेदी बनाई गई थी, जिसमे सभी अतिथियों ने बारी बारी से शहीद निर्मल महतो, रघुनाथ महतो, पूर्व सांसद सुनील महतो, विनोद बिहारी महतो, शक्तिनाथ महतो, चानकु महतो, अजित-धनंजय महतो, बुली महतो आदि को श्रद्धांजलि दी.
