October 17, 2025

समर्पण दीप अध्यात्म महोत्सव की स्वर्वेद संदेश यात्रा पहुंची जमशेदपुर

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सर्च न्यूज , सच के साथ :

जय स्वर्वेद कथा के रसपान से जन-जन भक्ति और उल्लास से झूम उठा।

कर्म से बंधन और सेवा से मुक्ति होती है। अध्यात्म के द्वारा हमारे जीवन का संपूर्ण विकास होता है। अध्यात्म ही वह समाधान है जिससे सभी समस्याएं सुलझ जाती हैं। अध्यात्म मानव जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता है।

उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने स्वर्वेद सन्देश यात्रा के क्रम मे शहर के नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल ऑडिटोरियम मे आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये।

संत प्रवर जी ने कहा कि मन को साधें , तो जीवन अपने आप सरल हो जाएगा।
बाहर की लड़ाइयाँ भीतर की हार से जन्म लेती हैं।

संत प्रवर जी ने दिव्यवाणी के दौरान श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि विहंगम योग के प्रणेता अमर हिमालय योगी अनन्त श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज ने अपनी गहन योग साधना द्वारा ईश्वर की प्राप्ति की एवं इस अतिदुर्लभ विज्ञान को ‘स्वर्वेद’ नामक अद्वितीय आध्यात्मिक सद्ग्रंथ के रूप में जनमानस को सुलभ कर दिया।

महाराज जी ने कहा—
स्वर्वेद संदेश यात्रा केवल स्थान से स्थान की यात्रा नहीं है; यह तो अंतर से अंतर की यात्रा है। जो अपने भीतर उतरेगा, वही सत्य और शांति का साक्षात्कार करेगा।

संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है।

महाराज जी ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा- जिसमें वायु के समान वेग है, उत्साह है, उमंग है, उल्लास है, वह ही युवा है। जो हताश नहीं है, जो निराश नहीं है, जो परिस्थितियों का दास नहीं है, बल्कि उनका स्वामी है, जो लक्ष्य के साथ जीता है, वही युवा है। जो सबके लिए उपयोगी है, जो लक्ष्य से भटकता नहीं है, वही युवा है”। युवा देश का भविष्य ही नहीं, वह वर्तमान भी है।

संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज की दिव्यवाणी “जय स्वर्वेद कथा” के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई। स्वर्वेद दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।

कार्यक्रम स्थल पर पहुँचने से पूर्व संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने भक्तों के साथ पदयात्रा की, जो एक दिव्य और अद्वितीय दृश्य रहा। श्रद्धालुओं के बीच उमंग, भक्ति और आध्यात्मिक उत्साह की लहर दौड़ पड़ी।

आयोजकों ने बताया कि “समर्पण दीप अध्यात्म महोत्सव” विहंगम योग संत समाज के 102वें वार्षिकोत्सव एवं 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज द्वारा 29 जून को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कश्मीर की धरती से हो चुका है।
यह संकल्प यात्रा जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान,हरियाणा, चंडीगढ़,उत्तर प्रदेश, बिहार के बाद झारखण्ड में गतिमान है. इसी क्रम में जमशेदपुर में राष्ट्रव्यापी स्वर्वेद सन्देश यात्रा के रूप में पहुँच चुकी है।

25 एवं 26 नवम्बर 2025 को विशालतम ध्यान-साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है।
उसी क्रम में यह स्वर्वेद सन्देश यात्रा हो रही है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारतवर्ष में लाभ मिल सके।

इस अवसर पर प्रमुखरूप से विधायक सरयू राय, कन्हैया लाल अग्रवाल, डॉ डी पी शुक्ला, नगीना सिंह, मंजू माहेश्वरी, नीरज मिश्रा, शंभु पंडित, बिजेंदर उपाध्याय, रवि सिंह, रोहित कुमार, निशांत शर्मा, दीपक शर्मा, नागेन्द्र चौधरी, कृष्णा शर्मा, अरुण खत्री, सुशील शर्मा, महावीर विद्यार्थी, अवधेश कुमार, शंकर साह , जीमा आदि का विशेष योगदान एवं उपस्थिति रही ।