तकनीकी चूक ने छीनी कई ज़िंदगियां: एयर इंडिया ड्रीमलाइनर हादसे में TCM की भूमिका पर सवाल

एक दर्दनाक विमान हादसे में अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में यात्रियों की जान चली गई और विमान से जुड़ी कई तकनीकी खामियों पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि विमान का थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) — जो इंजन की शक्ति और थ्रस्ट को नियंत्रित करता है — पिछले छह वर्षों में दो बार बदला गया था, पहली बार 2019 में और फिर 2023 में।
इस मॉड्यूल से जुड़े फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के थ्रस्ट के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, क्रैश के दौरान यह स्विच बंद हो गया था, जिससे विमान को जरूरी थ्रस्ट नहीं मिल सका।
तकनीकी पहलुओं की यह विफलता एक बार फिर याद दिलाती है कि उड़ानों में जरा सी चूक कितनी भारी पड़ सकती है। जिन यात्रियों ने उस दिन अपने घर लौटने की उम्मीद की थी, वे कभी नहीं लौटे। अब यह सवाल गहराता जा रहा है कि क्या समय रहते इन तकनीकी कमियों को ठीक किया जा सकता था?
इस हृदयविदारक हादसे ने न केवल यात्रियों के परिजनों को शोक में डुबो दिया, बल्कि एयरलाइन इंडस्ट्री को भी एक गहरे आत्ममंथन के दौर में ला खड़ा किया है।