समुद्र से सबसे पहले निकली ज़मीन‚ सिंहभूम बना धरती की शुरुआत का गवाह

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सर्च न्यू , सच के साथ : जमशेदपुर /रांची- दुनिया में सबसे पहले कौन-सी ज़मीन समुद्र से बाहर निकली थी? यह सवाल जितना वैज्ञानिक है, उतना ही रोमांचक भी। और इसका उत्तर झारखंड के लोगों, विशेष रूप से सिंहभूम क्षेत्र के निवासियों के लिए गर्व से भर देने वाला है—क्योंकि वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, सिंहभूम की धरती
संभवतः वह पहली ज़मीन है, जो करोड़ों वर्ष पहले समुद्र से बाहर निकली थी।इस विषय पर भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों द्वारा वर्षों तक शोध किया गया, जिसकी रिपोर्ट प्रतिष्ठित जर्नल ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित हुई है। शोध में पाया गया कि सिंहभूम क्षेत्र की चट्टानों में 3.2 अरब वर्ष पुराने समुद्र तटीय चिह्न (coastal imprints) मौजूद हैं, जो यह प्रमाणित करते हैं कि यह हिस्सा धरती पर सबसे पहले महासागरों की सतह से ऊपर आया था।

अब तक वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि महाद्वीपों का निर्माण प्लेट टेक्टोनिक्स—यानी पृथ्वी की सतह पर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल—के कारण हुआ था। लेकिन इस नई स्टडी का दावा है कि धरती के अंदर से उठते गर्म मैग्मा ने सबसे पहले जो ज़मीन उभारी, वह सिंहभूम की धरती थी। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह घटना करीब 70 करोड़ साल पहले नहीं, बल्कि 3.2 अरब साल पहले ही घट चुकी थी।

वैज्ञानिकों को सिंहभूम में मिले प्राचीन बलुआ पत्थर (Sandstone) में समुद्र के किनारे के ऐसे निशान मिले हैं, जो उस कालखंड के हैं जब धरती का अधिकांश हिस्सा समुद्र के नीचे डूबा हुआ था और कोई भी भूभाग मौजूद नहीं था। ऐसे में यह खोज न केवल भूगर्भशास्त्र के इतिहास में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह झारखंड के सिंहभूम क्षेत्र को धरती की उत्पत्ति से जुड़ी कहानी का अहम हिस्सा बना देती है।इस ऐतिहासिक खोज ने सिंहभूम को विश्व मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाई है—एक ऐसी भूमि के रूप में, जहां धरती ने पहली बार समुद्र से बाहर आकर खुद को प्रकट किया।

