फाटाटांगर में ओतगुरु कोल लाको बोदरा की प्रतिमा का अनावरण, पारंपरिक उत्सव में उमड़ा जनसैलाब

रायरंगपुर। हो समाज समन्वय समिति बामनघाटी द्वारा शनिवार को ओतगुरु कोल लाको बोदरा की जयंती भव्य रूप से मनाई गई। रायरंगपुर विधायक जालेन नायक के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मयूरभंज जिले के बहल्दा प्रखंड के फाटाटांगर गांव में वारंगचिति लिपि के जनक ओतगुरु पंडित कोल लाको बोदरा की प्रतिमा का अनावरण किया गया। कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, ओडिशा के वन एवं पर्यावरण मंत्री गणेशराम सिंह खुंटिया, मयूरभंज के सांसद नवचरण माझी और बारीपदा विधायक प्रकाश सोरेन बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने पूजा-अर्चना कर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
पारंपरिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक माहौल
सुबह गांव के पुजारियों ने पारंपरिक अनुष्ठान के साथ प्रतिमा का अनावरण किया। दोपहर में पहुंचे मुख्य अतिथियों का स्वागत पारंपरिक नृत्य और सम्मानस्वरूप बुके, गमछा तथा पंडित बोदरा की तस्वीर भेंट कर किया गया।सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वारांग चिति लिपि के आविष्कार और उसके प्रचार-प्रसार में पंडित लाको बोदरा का योगदान अमूल्य है। उनकी वजह से आज कोल-हो समाज अपनी भाषा और संस्कृति की पहचान को सुरक्षित रखते हुए एकजुट हो पाया है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में आसपास के गांवों से महिला-पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। सांस्कृतिक नृत्य और गीत-संगीत ने समारोह के वातावरण को और भी जीवंत बना दिया। मंच संचालन गंगाधर हेम्ब्रम ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य संयोजक मनोरंजन तिरिया समेत बिरसा कंडांकेल, सेलाय पूर्ती, दुसुरु जेराई, माधव चंद्र देवगम, मालती आल्डा, त्रिनाथ सिद्धु, अध्यक्ष सिंगराई देवगम और बिरसा पूर्ति का विशेष योगदान रहा।