October 18, 2025

प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर‚ हजारों लोग विस्थापित

parayagaraja-ma-gaga-oura-yamana-na-khatara-ka-nashana-kaya-para_64c6686402998c6965985c01c8f252c9

प्रयागराज में गंगा और यमुना उफान पर है। नदियों ने शनिवार को सुबह खतरे के निशान को पार कर दिया है। गंगा और यमुना के किनारे के दो दर्जन से अधिक मुहल्लों के हजारों घर पानी में घर गए हैं। घर में पानी भरने से लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें भी नाव से बचाव कार्य में जुटी हैं।

गंगा और यमुना ने खतरे के निशान पार कर दिया है। जलस्तर खतरे के बिंदु 84.734 मीटर के ऊपर पहुंच गया है। नदियों का उफान अभी जारी है। स्थिति काफी भयावह हो गई है। गंगा और यमुना के किनारों पर स्थित दो दर्जन से अधिक मुहल्लों के हजारों घर जलमग्न हो गए हैं। लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। बाढ़ राहत शिविरों में प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। दो हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं जो प्रशासन के राहत शिविर में शरण लिए हैं। खतरे का निशान पार करते ही दो दर्जन से अधिक मोहल्लों के सैकड़ों घर बाढ़ में घिर गए हैं। सड़कों और गलियों में भी पानी भर गया है। बड़ी संख्या में लोगों को नावों से बाहर निकालना पड़ा है। चंबल ने दी राहत तो टोंस ने बढ़ाई चिंतागंगा के जलस्तर में शनिवार तक तेज गति से वृद्धि के आसार हैं। कानपुर से 80 हजार क्यूसेक से अधिक पानी लगातार आ रहा है। नरौरा से भी पानी लगातार आ रहा है। ऐसे में गंगा के जलस्तर में तेज वृद्धि जारी है। वहीं चंबल ने कुछ राहत दी है। शुक्रवार सुबह तक केन, बेतवा और चंबल नदी उफान थीं। केन और बेतवा अब भी उफान पर हैं लेकिन चंबल में पानी कम हो गया है। इससे यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार में कुछ कमी दर्ज की गई लेकिन टोंस ने चिंता बढ़ा दी है। टोंस नदी में तेज गति से पानी आ रहा है। इससे तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इसके अलावा दबाव बढ़ने के कारण छतनाग से पानी निकलने की रफ्तार पर अंकुश लगने की आशंका बन गई है। इससे कछारी इलाके में गंगा का पानी और फैलने की संभावना है।