October 18, 2025

जमशेदपुर में समीक्षा बैठक‚ उपायुक्त ने रिक्त पदों पर एक माह में नियुक्ति का दिया निर्देश

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जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जिसमे प्रभारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डेविड बलिहार, सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर व अन्य संबंधित उपस्थित रहे तथा सभी सीओ-सह- सीडीपीओ ऑनलाइन जुड़े. उपायुक्त ने कहा कि जिले में सेविका के 41 और सहायिका के 54 पद रिक्त है, जिससे सेवाओं में बाधा उत्पन्न हो रही है.

इसलिए एक माह के भीतर सभी रिक्त पदों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए.बताया गया कि जिले में कुल 1118 आंगनबाड़ी केन्द्र सरकारी भवनों में संचालित हैं जबकि 213 केन्द्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी की जाए, निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए तथा तय समयसीमा में कार्य को पूर्ण कर भवन का हस्तांतरण प्रारंभ किया जाए.

आगामी माह से भवनों की पूर्णता की स्थिति रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होनी चाहिए.शौचालय सुविधा की समीक्षा के क्रम में यह सामने आया कि 79 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय उपलब्ध हैं, जबकि 199 केन्द्रों में निर्माण कार्य चल रहा है.

निर्देश दिया कि शेष निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए. विद्युत आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा के दौरान पाया गया कि 114 आंगनबाड़ी केन्द्रों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. जहां पोल की अनुपलब्धता, जर्जर भवन या अन्य तकनीकी कारणों से विद्युत कनेक्शन नहीं हो पाया है, वहां की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल समर्पित की जाए तथा राज्य मुख्यालय एवं विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता से समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया.

जानकारी दी गयी कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 300 सक्षम/मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक मात्र 112 केन्द्रों में पोषण वाटिका का कार्य प्रगति पर है. इसपर उपायुक्त ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रगति अस्वीकार्य है. सभी सीडीपीओ यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण वाटिका विकसित हो तथा इसका वास्तविक लाभ समुदाय को प्राप्त हो.पोषण ट्रैकर में पंजीकृत लाभुकों की संख्या जिले में कुल 1,46,963 है। इनमें 5,851 धात्री माताएं, 11,578 गर्भवती महिलाएं, 5,363 नवजात शिशु (0-6 माह), 56,899 शिशु (6 माह से 3 वर्ष) एवं 51,583 बच्चे (3 से 6 वर्ष) शामिल हैं.

मापन की प्रगति (मेजरिंग एफिशिएंसी) की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि 0–6 वर्ष के बच्चों के संदर्भ में इस माह की उपलब्धि केवल 80 प्रतिशत रही. उपायुक्त ने अप्रसन्नता व्यक्त की और निर्देश दिया कि आगामी 24 घंटे के भीतर शत-प्रतिशत मापन कार्य सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा संबंधित सीडीपीओ को शो-कॉज तथा महिला पर्यवेक्षिका का वेतन अवरुद्ध किया जाएगा.कुपोषण से संबंधित बच्चों की स्थिति पर भी चर्चा हुई. उपायुक्त ने सभी सीडीपीओ से जानकारी ली कि इस दिशा में क्या ठोस कार्य योजना बनाई गई है.

उन्होंने कहा कि केवल समस्या चिन्हित करना पर्याप्त नहीं, उसका समाधान भी सामने आना चाहिए.पोषण ट्रैकर में आधार प्रमाणीकरण एवं फेस ऑथेंटिकेशन की प्रगति पर भी असंतोष जताया गया. उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों में आधार शिविर आयोजित किए जाएं ताकि लाभुकों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके और योजनाओं का लाभ बिना बाधा मिले.ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस में खराब प्रदर्शन पर उपायुक्त ने कहा कि यह विषय स्वास्थ्य एवं पोषण से सीधे जुड़ा है,

अतः इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अत्यंत गंभीर मानी जाएगी. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत जिले में कुल 21,025 लाभुक चिह्नित हैं, जिनमें 14,562 लाभुकों का अब तक पंजीकरण हुआ है. निर्देश दिया कि शेष लाभुकों का तत्काल पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए. सावित्री बाई फुले समृद्धि योजना में जिले के लिए निर्धारित 55 हजार लाभुकों के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक 85 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है. उपायुक्त ने शेष योग्य लाभुकों को चिन्हित कर शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें भी योजना के तहत आच्छादित करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान वन स्टॉप सेंटर में रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया.