राष्ट्रपति से आग्रह : ‘हो’ भाषा को 8वीं अनुसूची में कराएं शामिल
़ऑल इंडिया हो लैंग्वेज एक्शन कमिटी का प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा मांगपत्र
जमशेदपुर : ऑल इंडिया हो लैंग्वेज एक्शन कमिटी के 12 प्रतिनिधियों ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर जनजातीय हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर मांग पत्र सौंपा. इससे पूर्व 2023 में भी इस विषय को लेकर राष्ट्रपति से मिल कर मांग पत्र सौंपा गया था. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामराय मुन्दुईया ने बताया कि महामहिम से काफी सकारात्मक वार्ता हुई.
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुरा बिरुली ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी बड़ी जनजातीय आबादी अपनी मातृभाषा की रक्षा और संरक्षण के संवैधानिक अधिकार से वंचित है, जबकि कम बोलनेवाली आबादी और सीमित साहित्य विकास वाली कई भाषाओं को पहले ही आठवीं अनुसूची में शामिल किया जा चुका है. विश्वास जताया कि संवैधानिक मान्यता हो भाषा, साहित्य और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में मदद करेगी. राष्ट्रपति से मिलनेवालों में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामराय मुन्दुईया, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुरा बिरुली, बाजू चंद्र सिरका, गिरीश चंद्र हेम्ब्रोम, शान्ति सिदु, बसंत बुडीउली, फूलमती सिरका, जगारनाथ केराई, खिरोद हेम्ब्रोम, गोपी लागुरी, गोमिया ओमंग, निकिता बिरुली आदि थे.
