पूर्व की स्थायीकरण नीति को रद्द कर गांव आधारित बनाएं
विस भवन के समक्ष झारखंड जनाधिकार महासभा का धरना प्रदर्शन
जमशेदपुर, 26 अगस्त : झारखंड जनाधिकार महासभा के बैनर तले विधानसभा भवन के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमे काफी संख्या में युवा, छात्र, मज़दूर और समाज के विभिन्न तबकों के लोग शामिल हुए और झारखंडियों के हक़ व अधिकार की आवाज़ उठाई.
धरना में वक्ताओं ने कहा कि रघुवर सरकार की स्थायीकरण नीति को रद्द कर मूल गांव आधारित नई नीति बनाई जानी चाहिए. राज्य में स्थायी और विवादमुक्त नियोजन नीति लागू की जाए ताकि सभी रिक्त पदों पर स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिल सके. अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और महिलाओं को बढ़ा हुआ आरक्षण मिलना चाहिए. भूमिहीन दलितों को जाति प्रमाण पत्र और ज़मीन देने की प्रक्रिया सरल की जाए और इसके लिए शिविरों का आयोजन हो.
वक्ताओं ने यह भी कहा कि पलायन रोकने के लिए ठोस कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा और मज़दूर अधिकारों पर मजबूत नीति की आवश्यकता है. साथ ही शोध और उच्च शिक्षा संस्थानों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष नीतियां बनाई जानी चाहिए.
लौहनगरी से भी काफी संख्या में लोग इस धरने में शामिल हुए. दीपक रंजीत के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हमें इस सरकार से काफी उम्मीदें है. झारखंडियों को पहचान दिलाने और स्थानीय नीति व नियोजन नीति लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि इन्हीं मांगों को याद दिलाने और सरकार को सचेत करने के लिए यह धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया है. झारखंड जनाधिकार महासभा ने साफ कहा कि यह लड़ाई न्याय, रोज़गार और सम्मान की है और इसे मंज़िल तक पहुँचाने के लिए आंदोलन जारी रहेगा.
