October 19, 2025

शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि स्वरूप निकली आदिवासी अधिकार महारैली

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जमशेदपुर : विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित “आदिवासी अधिकार महारैली” की शुरुआत आज नेशनल हाइवे स्थित श्रीघुटु फुटबॉल मैदान से हुई. शुरुआत में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई एवं उपस्थित लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर उनके योगदान को नमन किया रैली की शुरुआत बाइक रैली के रूप में हुई, जो गौड़गोड़ा हाट मैदान पहुंची. यहां से बाइक रैली पैदल रैली में परिवर्तित हो गई. पैदल रैली बाबा तिलकामांझी चौक, डिमना तक गई जहां तिलका मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और एक संक्षिप्त सभा हुई. इसके बाद रैली पुनः गौड़गोड़ा हाट मैदान लौटकर समाप्त हुई, जहां अंतिम सभा आयोजित की गई.सभा में आदिवासी एकता मंच के सुनील हेंब्रम ने कहा कि इस बार रैली को विशाल रूप देने की योजना थी, लेकिन दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद इसे श्रद्धांजलि सभा के रूप में संक्षिप्त किया गया. उन्होंने आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की.कहा कि पेसा कानून को पूरी तरह लागू करना होगा, सीएनटी एक्ट को सख्ती से लागू करना होगा और कोर्ट में लंबित सीएनटी एक्ट से जुड़े सभी मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए फास्टट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए. यह कदम आदिवासी स्वशासन, ज़मीन और पहचान की सुरक्षा के लिए आवश्यक है.राखाल सोरेन ने कहा कि सीएनटी एक्ट को बिना देरी के लागू करना आवश्यक है, ताकि आदिवासी क्षेत्रों में जमीन और संसाधनों की रक्षा हो सके. सरकार को चाहिए कि सीएनटी एक्ट से जुड़े सभी नियम-कानून को स्पष्ट रूप से लागू करे और इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे.इस रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं बाइक और पैदल रैली में शामिल होकर आदिवासी अधिकारों की आवाज़ बुलंद करती रहीं. रैली में आदिवासी समुदाय के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली और पूरे मार्ग में आदिवासी एकता के नारे गूंजते रहे.