शिक्षा समागम में झारखंड की भागीदारी अहम रही‚ सोरेन ने साझा किया राज्य का दृष्टिकोण

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के पांच वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025 में देश भर से शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, नीति निर्माता और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि एकत्र हुए।
इस उच्चस्तरीय आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया।इस राष्ट्रीय समागम में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने भी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई।
उन्होंने विभिन्न सत्रों में हिस्सा लेते हुए झारखंड की शिक्षा व्यवस्था, उसकी चुनौतियों और नई नीतियों के प्रभावों पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। सोरेन ने खासतौर पर इस बात पर ज़ोर दिया कि राज्य सरकार किस तरह NEP 2020 के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था को और अधिक लचीला, समावेशी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में प्रयासरत है।
समागम के दौरान आयोजित सत्रों में Academic Bank of Credit (ABC), National Credit Framework (NCRF), SWAYAM, Samarth, ONOS और Malaviya Mission Teacher Training Programme जैसी योजनाओं पर गहन चर्चा हुई। सोरेन ने कहा कि ये सभी योजनाएं उच्च शिक्षा में नवाचार और लचीलापन लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं, और झारखंड इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू कर रहा है।शिक्षा समागम के मंच से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 4000 करोड़ रुपये से अधिक की नई शिक्षा परियोजनाओं की भी घोषणा की।
इनमें डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और नई शैक्षणिक संरचनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को सशक्त करना है।समागम के समापन के बाद जब रामदास सोरेन जमशेदपुर लौटे, तो उन्होंने अपने आवास पर पत्रकारों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “यह समागम बेहद प्रेरणादायक रहा और हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को कैसे और अधिक समावेशी, नवोन्मेषी और तकनीक-संपन्न बनाया जा सकता है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार NEP 2020 को पूरी तरह से लागू करने के लिए जल्द ही ठोस योजनाओं को ज़मीन पर उतारेगी।