December 1, 2025

स्क्रीन टाइम का बढ़ना खतरनाक, सोशल मीडिया फूहड़बाजी का अड्डा

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● कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी शामिल, रितु व काजल ने मारी बाजी

जमशेदपुर : स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और नेचर फाउंडेशन के तत्वावधान में साकची बोधि मैदान में चल रहे चतुर्थ बाल मेला के छठे दिन ‘डिजिटल युग में बचपन और सोशल मीडिया’ और ‘पहचान का संकट’ विषयक भाषण प्रतियोगिता हुई.
इस प्रतियोगिता रुपी मंथन में एक प्रतिभागी ने कहा कि आज के बच्चे अकेलापन, तनाव, चिड़चिड़ापन, अवसाद इन्हीं बीमारियों से जूझ रहे हैं. अब इन्हें क्रिकेट का बल्ला नहीं, मोबाइल पर अंगुलियां चलाकर कई तरह के खेल खेलते हैं. ये वर्जुअल दुनिया के गुलाम होकर रह गये हैं.
एक अन्य प्रतिभागी ने कहा कि डिजिटल युग ने हमारा बचपन बदल कर रख दिया है. पहले बच्चे जल्दी उठते थे, खेलते थे, मित्रों से मिलते थे, लोगों से बात करते थे. अब वाट्सएप्प पर चैटिंग, फोन पर बातें होती है. लोगों का एक-दूसरे से मिलना-जुलना बंद हो गया, वीडियो कॉल पर शिक्षा मिल रही है, नंबर भी आ रहा है परीक्षा में पर वो ज्ञान नहीं मिल पाता, जो कक्षा में मिलता था.
कहा गया कि डिजिटल दुनिया ने सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों फर्क पैदा किये हैं. चयन हमारा होना चाहिए कि हम किस परिवर्तन के साथ हैं.
प्रतिभागियों ने अपने भाषण में सोशल मीडिया के इस्तेमाल को खतरनाक माना. प्रतिभागियों ने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि सोशल मीडिया हम चला रहे हैं या फिर हमें सोशल मीडिया चला रहा है? सोशल मीडिया का इस्तेमाल बेहद सोच-समझ कर करने की जरूरत है. जरूरी दस्तावेज हरगिज सोशल मीडिया पर शेयर न करें.
इस मंथन के बाद कक्षा 9 और 10 के जिन प्रतिभागियों ने पुरस्कार जीते, उनमें प्रथम स्थान पर रितु कुमारी, द्वितीय स्थान पर कुमारी श्रद्धा गोसाईं और तृतीय स्थान पर अभिजीत पांडेय रहे. इसी प्रकार कक्षा 11 और 12 के जिन प्रतिभागियों को पुरस्कार मिला, उनमें प्रथम स्थान पर काजल कुमारी, द्वितीय स्थान पर रौशनी कुमारी और तृतीय स्थान पर लक्ष्मी महतो रहीं. विजेता प्रतिभागियों को रिटायर्ड आईपीएस संजय रंजन और वरीय जदयू नेता धर्मेंद्र तिवारी ने पुरस्कृत किया.